Vishnu Temple: विश्व का इकलौता ऐसा मंदिर, जहां दीर्घ रूप में विराजमान हैं कृष्ण, जानें मान्यता और इतिहास

सौरव पाल/मथुरा: मथुरा में हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपने आराध्य के दर्शन करने आते हैं. साथ की उन पवित्र स्थानों के भी दर्शन करते हैं, जहां कृष्ण ने अपनी बाल लीलायें की थी. साथ ब्रज लगभग सभी मंदिरों में भी कृष्ण के बाल स्वरूप का ही पूजन किया जाती है. लेकिन मथुरा में एक मंदिर ऐसा भी है जहां भगवान कृष्ण अपने दीर्घ रूप में विराजमान है.

मथुरा के भरतपुर गेट के पास दीर्घ विष्णु मंदिर स्थित है, जहां भगवान अपने दीर्घ रूप में विराजमान है. मंदिर सेवायत कान्तनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि यह विश्व का इकलौता दीर्घ विष्णु का मंदिर है. यहां भगवान शंख चक्र गदा और कमल के पुष्प को हाथ में लिए विराजमान हैं.उन्होंने बताया कि भगवान के इस स्वरूप का वर्णन कई ग्रंथों और पुराणो में भी मिल जाता है. साथ इस भगवान के इस स्वरूप को धारण करने के पीछे भी एक लीला छुपी हुई है.

कृष्ण के प्रपौत्र ने किया था पूजन
मंदिर सेवायत ने बताया कि जब भगवान ने प्रयाग को तीर्थों का राजा बना कर उन्हें प्रयागराज बना दिया. तब प्रगयराज में अपने स्थान पर सभी तीर्थों को एक सभा बुलाई, जिसमें मथुरा तीर्थ नहीं पहुंचा. जिसकी वजह से प्रयागराज ने मथुरा पर चढ़ाई कर दी. जिससे भगवान ने क्रोधित हो कर यह रूप धारण किया. इस लीला के अलावा जब भगवान कृष्ण ने कंस का वध किया था. उस समय भी भगवान ने अपना दीर्घ रूप धारण किया. मंदिर सेवायत ने बताया कि इस मंदिर में 5000 हजार साल पहले कृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने भी मंदिर के विग्रह की पूजा भी की है, जिस वजह से इस मंदिर का काफी महत्व भी है.

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