
राष्ट्रीय राजमार्ग पर ना ब्लिंकर..ना रिफ्लेक्टर
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ठंड के साथ ही कोहरे की शुरुआत हो गई। देर रात और भोर तक सड़कों पर कोहरा छा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग, स्टेट हाइवे व अन्य सड़कों पर भी हादसे का खतरा भी बढ़ जाता है। वाराणसी प्रयागराज मार्ग पर डाफी टोल प्लाजा से आगे न तो सड़क पर सफेद पट्टी है और न ही कोई साइनेज। खास बात यह है कि यहां न ब्लिंकर है न रिफ्लेक्टर। जिले की अन्य कई सड़कों का यही हाल है।
जिले में छह सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है। ये सड़कें आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर, प्रयागराज, चंदौली को वाराणसी से जोड़ती हैं। निर्माणाधीन होने के कारण कोहरे में हादसे का सर्वाधिक खतरा इन्हीं सड़कों पर है। यहां न तो कोई साइनेज है और न ही कोई रिफ्लेक्टर। ऊपर से सड़क पर रखी निर्माण सामग्री और मुसीबत बढ़ा रही है।
एनएचएआई को नहीं है ध्यान
राष्ट्रीय राजमार्ग दो पर रोजाना 50 हजार से अधिक वाहनों का आवागमन होता है। प्रयागराज से लेकर चंदौली के बीच तीन टाेल प्लाजा मिलाकर रोजाना दो करोड़ रुपये से अधिक की कमाई भी होती है। बावजूद टैक्स भरने वाली जनता के लिए सुविधाओं में कटौती की जाती है।
शहर की सड़कों पर गड्ढे जानलेवा
राष्ट्रीय राजमार्ग व अन्य बड़ी सड़कों को छोड़ दें तो शहर की सड़कों पर जो गड्ढे हैं वो भी जानलेवा हैं। इन्हें भरने की जहमत कोई नहीं उठा रहा। कोहरे में ये गड्ढे दिखाई नहीं देते हैं। कई बार रफ्तार तेज होने से बड़े हादसे हो जाते हैं।
छुट्टा पशुओं पर अंकुश जरूरी
सड़क पर होने वाले हादसों की 40 फीसदी वजह छुट्टा पशु होते हैं। रात हो या दिन घने कोहरे में ये सरेआम सड़कों पर घूमते हैं। कई बार इन्हें बचाने में भी हादसे हो जाते हैं। इसके बाद भी छुट्टा पशुओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
वर्जन
राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य सड़कों पर रिफ्लेक्टर, ब्लिंकर जल्द लगवाए जाएंगे। क्षतिग्रस्त सड़कों को भी ठीक कराया जा रहा है। कोहरे में हादसों को देखते हुए सड़क निर्माण इकाइयों को व्यवस्था ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं। – एस.राजलिंगम, जिलाधिकारी