
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय
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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने मंदिरों में पूजा कराने वाले पुजारियों के लिए कैप्सूल कोर्स तैयार किया है। विश्वविद्यालय में कौशल विकास केंद्र की ओर से नए-नए रोजगार परक पाठ्यक्रमों की शुरुआत की गई है। इसके तहत ही पुजारियों के लिए यह स्पेशल कोर्स तैयार कराया गया है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि मंदिरों में जो पुजारी हैं उनको समय के साथ पूजा पद्धतियों में होने वाले बदलाव के बारे में अपडेट रहना जरूरी है। इसी जरूरत को ध्यान में रखकर यह कोर्स तैयार कराया गया है। इसमें पुजारियों को पूजा पद्धतियों में दक्ष करने और अनुष्ठान आदि के विशिष्ट ज्ञान के लिए विशिष्ट आचार्यों से प्रशिक्षित कराया जाएगा।
कैप्सूल कोर्स के आधार पर 15 दिन का रिफ्रेशर कोर्स भी शुरू कराया जाएगा। इससे ज्ञान और विधि सीखने, पुजारियों में कौशल विकास के साथ बौद्धिक विकास भी निर्माण होगा।
यह होगा कैप्सूल कोर्स में
मंदिर में पूजा की विधि, शंख, घंटे की पूजा, इनका आह्वान करने की मुद्राएं, मंत्रों को पढ़ने का तरीका जैसे पूजा पद्धतियों को शामिल किया गया है। विश्वविद्यालय की ओर से मंदिर पुजारियों के लिए 15 दिवसीय पुनश्चर्या पाठ्यक्रम भी शुरू कराया जाएगा।