Uttarkashi Tunnel Accident पर Good News, टनल में फंसे पिता की पुत्र से हुई बात, कहा-हम एक दो दिन में बाहर आ जाएंगे

हाइलाइट्स

टनल में फंसे 40 श्रमिकों में एक सुपरवाइजर गोवर्धन नेगी की अपने बेटे से बातचीत हुई.
टनल में फंसे पिता ने पुत्र से कहा कि चिंता मत करना हम एक दो दिन में बाहर आ जाएंगे.
टनल हादसे को लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन उत्तराखंड पेयजल निगम कर रहा है संचालित.

देहरादून. यमुनोत्री हाइवे पर सिलक्यारा टनल दुर्घटना को 60 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है. टनल में फंसे 40 मजदूर को रेस्क्यू करने के लिए अब प्लान बी पर काम हो रहा है. इसके तहत विशेष मशीन के जरिए मोब में बोरिंग की जा रही है. बोरिंग करके उसके अंदर 800 और 900  मिलीमीटर व्यास के ह्यूम  पाइप को डाला जाएगा और इस तरह एक टनल बनाकर फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचा जाएगा. इसी ह्यूम पाइप के जरिए एक-एक करके श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकल जाएगा.

यह पूरा रेस्क्यू ऑपरेशन उत्तराखंड पेयजल निगम के नेतृत्व में ये ऑपरेशन संचालित हो रहा है. निगम इससे पहले भी पिछले साल हिमाचल में इसी तरह के रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दे चुका है. हिमाचल में 60 मीटर ह्यूम पाइप डालकर टनल में फंसे 3 लोगों को बचाया गया था. बता दें कि मंगलवार सुबह ही बोरिंग के  लिए अर्थ आगर मशीन साइट पर पहुंचा दी गई थी. मशीन को इंस्टॉल करने के बाद बोरिंग का काम शुरू किया जा चुका है.

इस बीच अच्छी खबर यह है कि टनल में फंसे 40 श्रमिकों में से एक सुपरवाइजर गोवर्धन नेगी की अपने बेटे आकाश नेगी से बातचीत हुई है. यह बातचीत टनल में मौजूद पानी की पाइपलाइन के जरिये हुई. जिसमें गोवर्धन नेगी ने बताया कि वह सभी लोग सुरक्षित हैं. गोवर्धन ने अपने बेटे को ढाढस बंधाते हुए कहा कि वह परेशान ना हो एक-दो दिन में हमलोग बाहर आ जाएंगे.

इससे प्रशासन को बड़ी उम्मीद है कि टनल में फंसे श्रमिकों का मनोबल नहीं टूटा, जो एक पॉजिटिव साइन है. माना जा रहा है कि बोरिंग के जरिए अगले 24 घंटे में एजेंसियों को कुछ सफलता हाथ लग सकती है. इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऑपरेशन की लगातार मानेटेयरिंग कर रहे हैं. पूरे मामले की जांच के लिए एक छह सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का भी गठन किया गया है.

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