US प्रेसिडेंट बाइडेन ने विरोधी नेता एलेक्सी नवलनी की मौत के लिए पुतिन को ठहराया ‘जिम्मेदार’

जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कहा, “नवलनी भ्रष्टाचार, हिंसा और पुतिन सरकार द्वारा किए जा रहे सभी बुरे कामों के खिलाफ बहादुरी से खड़े हुए. उनकी मौत के लिए पुतिन जिम्मेदार हैं.” व्हाइट हाउस ने आर्कटिक जेल में नवलनी की मौत के बारे में अधिक जानकारी मांगी है.

नवलनी की मौत के बाद अब अमेरिका और रूस के बीच तनातनी बढ़ने के आसार हैं. नवलनी को लेकर रूस के खिलाफ अमेरिका का रुख इसकी वजह है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साल 2021 में एक बयान दिया था. उनसे सवाल पूछा गया था कि विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की मौत हो गई तो क्या होगा? इसके जवाब में बाइडेन ने कहा था कि इसके नतीजे रूस के लिए ‘विनाशकारी’ होंगे.

2021 में सुनाई गई थी 19 साल की कैद की सजा

एलेक्सी नवलनी को 2021 में 19 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी. 2 महीने पहले यानी दिसंबर में उनके पोलर वुल्फ जेल में कैद होने की बात सामने आई थी. इससे पहले वो 2 हफ्तों तक गायब थे. आर्कटिक की जिस जेल में उन्हें रखा गया था वहां पारा -28 डिग्री तक जाता है. उनके वकील ने कहा था कि उन्हें चुनाव से दूर रखने के लिए आर्कटिक की जेल में भेजा गया था. वो शुरू से ही यूक्रेन पर रूस के हमले की आलोचना कर रहे थे. उन्हें जनता का अच्छा-खासा सपोर्ट भी मिल रहा था.

“भारत पर भरोसा कर सकता है रूस, क्योंकि…” : पुतिन ने PM मोदी की जमकर की तारीफ

16 फरवरी को आर्कटिक प्रिजन सर्विस के हवाले से दावा किया गया कि टहलने के बाद नवलनी बीमार होकर गिर गए. जेल के मेडिकल स्टाफ को सूचित किया गया. उनकी तुरंत जांच की गई. एम्बुलेंस बुलाई गई. उन्हें बचाने की हर कोशिश की गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. नवलनी की मौत की असली वजह का पता लगाया जा रहा है.

कौन हैं एलेक्सी नवलनी?

एलेक्सी नवलनी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे बड़े आलोचक और धुर विरोधी रहे हैं. एलेक्सी नवलनी ने रूस में भ्रष्टाचार के खिलाफ कई कैंपेन चलाए. इस दौरान वे कई बार जेल भी गए. 2011 में उन्होंने पुतिन की पार्टी के भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था. 1976 में जन्मे नवलनी ने कानून की पढ़ाई की और एक सफल वकील के रूप में अपनी पहचान स्थापित की, लेकिन साल 2008 में उन्होंने एक ब्लॉग लिखकर सरकारी कंपनियों के घोटालों को उजागर किया था. इसी एक ब्लॉग की बदौलत उनकी लोकप्रियता में तेजी से इजाफा हुआ. साथ ही सरकार में शामिल कई नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों को इस्तीफा भी देना पड़ा था.

इसके बाद से नवलनी रूसी सरकार के निशाने पर आ गए. घोटालों को लेकर लगातार आवाज बुलंद करने की वजह से उन्हें 2011 में पहली बार गिरफ्तार किया गया और 15 दिन की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, सरकार के खिलाफ अपनी मुहिम को उन्होंने पीछे नहीं छोड़ा और सोशल मीडिया का भी सहारा लिया.

2020 में फ्लाइट में जहर देने की कोशिश हुई

नवलनी पर 2017 में जानलेवा हमला हुआ था. हमले में उनकी आंख में गंभीर चोट आई थी. साल 2018 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में खड़े होने की कोशिश की, लेकिन धोखाधड़ी के आरोप के चलते वो ऐसा न कर सके. एलेक्सी ने इसे सरकार की साजिश बताया था. जुलाई 2019 में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करने के ऐलान के बाद नेवलनी को 1 महीने की जेल हुई थी.

“आखिरी मौका, नहीं तो बीजेपी करेगी पुतिन की तरह शासन”: खरगे ने दी चुनाव से पहले चेतावनी

रूस लौटते ही सेना ने किया गिरफ्तार

उस वक्त जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद कहा गया कि नवलनी को जहर देने की कोशिश हुई है. इसके बाद साल 2020 में भी उन्हें जहर देने की कोशिश की गई. वह फ्लाइट में बेहोशी की हालत में पाए गए थे, जिसके बाद फ्लाइट की जर्मनी में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. ठीक होने के बाद गिरफ्तारी की खतरे के बावजूद नवलनी 2021 में रूस लौटे. रूस में कदम रखते ही सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. हाल ही में उन्हें आर्कटिक जेल में शिफ्ट किया गया था.

पश्चिमी देशों ने नवलनी की मौत पर क्या कहा?

नवलनी की मौत के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “ये भयावह खबर है.” पोलैंड के विदेश मंत्री बोले, “नवलनी लोकतंत्र की चाह रखने वाले रूसी नागरिकों के नायक थे. उन्हें झूठे केस में फंसाया गया. जेल में बुरी तरह रखा गया. इसके लिए पुतिन जिम्मेदार हैं.”

इसके साथ ही इटली, स्वीडन, चेक रिपब्लिक और नाटो सदस्य देशों ने भी नवलनी की मौत पर दुख जताया है. उन्होंने पुतिन की कड़ी आलोचना की है. 

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *