US-सऊदी डील का इजराइल-हमास हमले से क्या है कनेक्शन?

फिलिस्तीन आतंकी गुट हमास का इज़राइल पर भयानक हमला करने का लक्ष्य अमेरिका-सऊदी डील भी रही है.उस नए  क्षेत्रीय सुरक्षा गठबंधन से फिलिस्तीनी आकांक्षाओं और इस गुट के मेन सपोर्टर ईरान की महत्वाकांक्षाएं खतरे में पड़ सकती थीं. दरअसल सऊदी अरब अमेरिका के साथ नाटो जैसे रक्षा समझौते के लिए प्रतिबद्ध है. अमेरिका इजराइल और सऊदी के संबंधों को सामान्य करने पर जोर दे रहा है. इसमें एक बड़ी सुरक्षा डील भी शामिल है. इस डील को सऊदी अमेरिका से पाना चाहता है. हालांकि उनकी यह डील फिलिस्तीन के लिए झटके की तरह है. 

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शनिवार को फिलिस्तीन की तरफ से इजराइल में किया गया हमला पिछले एक दशक की सबसे बड़ी घुसपैठ थी. इसे अमेरिका और सऊदी अरब के बीच रक्षा समझौते के बदले सऊदी अरब को इज़राइल के साथ रिश्तों को सामान्य करने के लिए अमेरिका की एक कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. अब फिलिस्तीनी गुट के एक कदम ने फिलहाल दोनों देशों को  मेल-मिलाप पर ब्रेक लगा दिया है.

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इजराइल हमले का सऊदी डील कनेक्शन

फ़िलिस्तीनी अधिकारियों और एक रीजनल सोर्स के मुताबिक बंदूकधारियों ने इज़राइली कस्बों में घुसकर 250 लोगों की हत्या कर दी और कुछ को बंधक भी बना लिया. हमास यह संदेश देने की कोशिश कर रहा था कि अगर इजराइल अपनी सुरक्षा चाहता है तो फ़िलिस्तीनियों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता और कोई भी सऊदी डील ईरान की शांति भंग कर सकती है.

क्या मैसेज देने की कोशिश कर रहा हमास?

गाजा के हमास नेता इस्माइल हानियेह ने अल जज़ीरा टीवी से कहा कि अरब देशों ने इज़राइल के साथ सामान्यीकरण के सभी समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे यह संघर्ष खत्म नहीं होगा. ईरान और ईरान समर्थित लेबनानी ग्रुप हेज़बुल्लाह की सोच को समझने वाले एक रीजनल सोर्स ने कहा कि इजराइल की तरफ बढ़ने की कोशिश कर रहे सऊदी अरब और इसे सपोर्ट कर रहे अमेरिका के लिए यह एक मैसेज है कि जब तक फ़िलिस्तीनियों को समीकरण से बाहर रखा जाएगा, तब तक पूरे क्षेत्र में कोई सुरक्षा संभव नहीं है. सूत्रों ने कहा कि जो भी हुआ वह किसी भी उम्मीद से परे है. आज संघर्ष में एक निर्णायक मोड़ है. 


 इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में हमास का हमला महीनों से बढ़ती हिंसा के बाद हुआ है. लेबनान में हमास के नेता ओसामा हमदान ने रॉयटर्स से कहा कि शनिवार के ऑपरेशन से अरब देशों को यह एहसास होना चाहिए कि इजरायली सुरक्षा मांगों को स्वीकार करने से शांति नहीं आएगी . उन्होंने कहा कि जो लोग क्षेत्र में स्थिरता और शांति चाहते हैं, उनके लिए शुरुआती पॉइंट इजरायली कब्जे को खत्म करना होना चाहिए. कुछ अरब राज्यों ने दुर्भाग्य से यह कल्पना करना शुरू कर दिया कि इज़राइल उनकी सुरक्षा की रक्षा के लिए अमेरिका का गेटवे  हो सकता है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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