यूपीआई के जरिए अब एक लाख रुपये तक की पेमेंट हो सकेगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ श्रेणियों में यूपीआई के जरिए होने वाले ऑटोमेटेड पेमेंट की सीमा में बदलाव कर दिया है। इसके तहत अह 15 हजार रुपये की पेमेंट को बढ़ाकर एक लाख रुपये तक किया गया है। इसके दायरे में म्यूचुअल फंड को भी शामिल किया गया है।
यानी नए नियमों की मानें तो म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट जैसे भुगतान जिसमें 15,000 रुपये से अधिक की पेमेंट होनी है वो कीमत अपने आप अकाउंट से कट जाएगी। इस संबंध में आरबीआई ने सर्कुलर जारी कर दिया है। इस सर्कुलर की मानें तो म्यूचुअल फंड की सदस्यता, बीमा प्रीमियम के भुगतान और क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान के लिए लेनदेन की सीमा को 15 हजार रुपये से बढ़ा दिया गया है। अब ये सीमा एक लाख रुपये तक हो गई है। बता दें कि नवंबर के महीने में लेनदेन के साथ यूपीआई आबादी के बड़े तबके के लिए डिजिटल भुगतान का पसंदीदा तरीका बन गया है, जब 11.23 अरब से अधिक का लेनदेन इस फॉर्मेट के जरिए हुआ है।
ऐसे होता है ऑटोमेटेड पेमेंट
वर्तमान में यूपीआई प्लेटफॉर्म पर ऑटोमेटेड पेमेंट की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा एएफए की भी जरुरत होती है। बता दें कि रिजर्व बैंक ने बीते सप्ताह ही ऑटोमेटेड पेमेंट की सीमा को 15 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख करने का प्रस्ताव पेश करने की बात कही थी। आरबीआई ने यूपीआई के जरिए कई कामों के लिए ट्रांजेक्शन की सीमा को बढ़ाया है।
कर सकेंगे पांच लाख का ट्रांसफर
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बीते सप्ताह ही ट्रांसफर की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये तक के लिए बढ़ाया था। कुछ ही कार्यों में इस सीमा की अनुमति दी गई थी। इस राशि को ट्रांसफर करने की अनुमति मूल रूप से अस्पतालों और शिक्षा संगठनों को दी गई थी।