UP Politics: यूपी में I.N.D.I गठबंधन में टूट का खतरा! कांग्रेस से बात किए बिना सपा ने घोषित किए अपने प्रत्याशी

UP Politics: SP declared its candidates without talking to Congress

Up Politics: Akhilesh Yadav
– फोटो : Amar Ujala/Sonu Kumar

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उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन को तगड़ा झटका लगा है। समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने अपने 16 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। उन्होंने कांग्रेस को प्रदेश में 11 सीटें दी हैं, लेकिन कांग्रेस नेता लगातार यह कह रहे थे कि प्रदेश में इतनी कम सीटें उन्हें स्वीकार नहीं हैं। वे 20 से कम सीटों पर मानने के लिए तैयार नहीं हैं। लेकिन कांग्रेस से अंतिम बातचीत के पहले ही अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर अखिलेश यादव ने अपनी तरफ से डील फाइनल कर दी है। इससे यूपी में इंडिया गठबंधन में टूट का खतरा बढ़ गया है।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के यूपी में प्रवेश से पहले ही अखिलेश यादव की इस कोशिश को कांग्रेस के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है। इंडिया गठबंधन की ओर से यह प्रचारित किया जा रहा था कि सभी सहयोगी दल मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। सभी साथ मिलकर चुनाव प्रचार में उतरने की रणनीति अपनाएंगे। लेकिन फिलहाल राहुल गांधी की यात्रा के यूपी में प्रवेश से पहले ही अखिलेश यादव ने अपनी सूची जारी कर यह साफ कर दिया है कि समाजवादी पार्टी अपनी रणनीति पर आगे बढ़ने के लिए तैयार है।

समाजवादी पार्टी नेता राजेंद्र चौधरी ने अमर उजाला से कहा कि उनकी पार्टी ने सहयोगी दलों का पूरा सम्मान रखा है। कांग्रेस को बहुत सोच विचार के बाद 11 सीटें देनी तय की गई हैं। इसमें बढ़ोतरी की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा को इससे बहुत खुश नहीं होना चाहिए, क्योंकि इंडिया गठबंधन अभी अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में 62 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। बसपा के इंडिया गठबंधन में आने की किसी संभावना को खारिज करते हुए चौधरी ने कहा कि बसपा का चरित्र संदेहजनक रहा है, ऐसे में उनका गठबंधन में आना संभव नहीं है।    

स्वीकार नहीं होगा यह निर्णय

कांग्रेस के एक नेता ने अमर उजाला से कहा कि इस मामले पर केंद्रीय नेतृत्व अंतिम निर्णय लेगा। लेकिन कांग्रेस देश के सबसे बड़े राज्य में 11 सीटों पर सिमटना स्वीकार नहीं करेगी। इससे पार्टी कुछ सीटों पर सिमट कर रह जाएगी और इससे भविष्य में पार्टी के मजबूत होने की संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि इससे बेहतर होगा कि हम अकेले चुनाव में उतरेंगे और हर सीट पर अपना जनाधार विकसित करेंगे।






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