यमुनानगर. उत्तर प्रदेश ज्यूडिशल सर्विसेज में हरियाणा के यमुनानगर जिले की कशिश अग्रवाल ने 30वां रैंक हासिल करके अपने परिवार एवं जिले को गौरवान्वित किया है. खास बात यह भी है कि कशिश अग्रवाल के परिवार में पहले से कोई भी वकील या जज नहीं है.
कशिश की मां जरूर जज बनना चाहती थी, मगर उनका सपना किसी कारण पूरा नहीं हो पाया. कशिश जब छठी कक्षा में थी तो उसे इस बात का पता चला, तभी से कशिश ने अपने मन में ठान लिया कि मां का सपना वह पूरा करके दिखाएगी.
जैसे-जैसे कशिश बड़ी होती गई, उसका लक्ष्य और सटीक होता गया. कशिश ने खुली आंखों में जज बनने का सपना देखा था और उसे साकार करने के लिए खुद पर कभी नींद या आराम को हावी नहीं होने दिया. दिन रात एक कर जी तोड़ मेहनत की और लगातार 18-18 घंटे तक पढ़ाई की. परिवार ने बताया कि कशिश पढ़ाई में शुरू से ही अच्छी रही है और उसने लगभग सभी परीक्षाओं में टॉप किया है.
कशिश ने बताया कि उसने अपनी स्कूली शिक्षा डीपीएस यमुनानगर से ली है. उसके बाद मुलाना विश्वविद्यालय में बीए एलएलबी पूरी करने के बाद उत्तर प्रदेश ज्यूडिशल सर्विसेज का एग्जाम दिया. सुनने में यह जितना आसान लग रहा है. हकीकत में इससे बिल्कुल उलट है. इस एग्जाम में 80 हजार युवाओं ने आवेदन किया था, जिनमें 50 हजार ही पेपर दे पाए और 3145 युवाओं का मेन में सिलेक्शन हुआ. इनमें से भी 959 युवाओं को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया, जिसमें कशिश का 30वां रैंक आया है. अब कशिश को बहुत जल्द सिविल जज जूनियर डिवीजन में नियुक्ति मिल जाएगी.
कशिश की इस कामयाबी पर पूरा परिवार फूला नहीं समा रहा है. कशिश के माता-पिता, दादा और नाना को अपनी बिटिया पर नाज़ है. कशिश का कहना है कि उसने छठी कक्षा में जज बनने का सपना देखा और अपना लक्ष्य निर्धारित किया. हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क दोनों में तालमेल बिठाया और परिवार का सहयोग उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं था. कशिश ने यह भी बताया कि उनके परिवार में कोई भी व्यक्ति वकील या जज नहीं है. उनकी मां ने जरूर जज बनने का सपना देखा था, जिसे अब वह पूरा कर रही है.
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FIRST PUBLISHED : September 07, 2023, 06:26 IST