
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
– फोटो : amar ujala
विस्तार
देशभर के लाखों घर खरीदने वालों और बिल्डरों की समस्याओं का हल निकालने के लिए गठित अमिताभ कांत समिति की रिपोर्ट को प्रदेश में भी लागू होगी। मंगलवार को कैबिनेट में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसी के साथ नोएडा-एनसीआर के 2.40 लाख फ्लैट आवंटियों की न केवल रजिस्ट्री होगी बल्कि बिल्डर की लापरवाही की वजह से प्राधिकरणों द्वारा लगाई गई पेनाल्टी भी माफ होगी। इसके अलावा वाजिब कारणों से प्रोजेक्ट में होने वाली देरी के दंश से बिल्डरों को भी कुछ राहत दी गई है। इस फैसले से केवल यूपी के ही लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये के रीयल इस्टेट प्रोजेक्ट्स की राह की बाधाएं खत्म होंगी।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि तमाम कारणों की वजह से अधूरे रियल इस्टेट प्रोजेक्ट्स की वजह से लाखों घर खरीदार वर्षों से भटक रहे हैं। उनकी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए केंद्र ने नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। समिति ने इस वर्ष 31 मार्च को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। इस रिपोर्ट का सबसेे ज्यादा असर यूपी पर पड़ रहा था क्योंकि इंडियन बैैंक एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक देशभर के 4.12 लाख अटके आवास में से 2.40 लाख घर केवल नोएडा एनसीआर में स्थित हैं। इनमें से अधिकांश आवास बिल्डरों की खस्ता हालत की वजह से पूरे नहीं हो पा रहे हैं। समिति की संस्तुतियों को कैबिनेट मंजूरी के बाद एक तरफ घर खरीदारों के हितों की रक्षा होगी तो दूसरी तरफ रुकी परियोजनाओं को समय से तैयार कर खरीदारों को समय से फ्लैट मिलेंगे। उन्होंने कहा कि सिफारिशों की मंजूरी से क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा के घर खरीदारों के लिए बड़ी खुशखबरी
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई आवासीय प्रोजेक्ट ऐसे हैं जो पूरे हो चुके हैं और खरीदार रह रहे हैं लेकिन उनके घर की रजिस्ट्री नहीं हो रही है। इसकी वजह बिल्डरों का नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथारिटी पर बकाया अरबों रुपये के विभिन्न शुल्क और पेनाल्टी है। अमिताभ कांत समिति ने सिफारिश की है कि बिल्डर के ऊपर बकाये की सजा खरीदारों को कतई न दी जाए। ऐसे परियोजनाओं में घरों की रजिस्ट्री तत्काल शुरू की जाए। जिन बिल्डरों के ऊपर बकाया है, उनसे वसूलने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं। जिन प्रोजेक्ट में आवंटियों ने पूरा भुगतान नहीं किया है, उनसे बिल्डर के बजाय रेरा वसूली करेगा। इस रकम से अधूरी परियोजना को पूरा किया जाएगा। जिन इमारतों का ढांचा तैयार है लेकिन इंटीरियर अधूरा है, उन मामलों में फ्लैट आवंटी को खुद इंटीरियर कराने का विकल्प दिया जाएगा। इसके एवज में बिल्डर पर बकाया धन का भुगतान आवंटी नहीं करेगा।
बिल्डरों को चार साल की राहत, मिलेगा पुनर्वास पैकेज
समिति ने रुकी आवासीय परियोजनाओं के लिए विशेष पुनर्वास पैकेज की सिफारिश की है। पूरी हो सकने वाली परियोजनाओं से जुड़े बिल्डरों पर चार साल की पेनाल्टी और ब्याज नोएडा विकास प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से माफ करने की संस्तुति की गई है। चार साल को ‘जीरो पीरियड’ घोषित किया जाएगा। दो साल का पहला फेज ओखला बर्ड सेंचुरी का मामला अदालत में होने की वजह से 14 अगस्त 2013 से 19 अगस्त 2015 तक का है। अगले दो साल का फेज कोरोना काल का है, एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक है। पुनर्वास पैकेज के दायरे में आने वाले प्रोजेक्ट के घर खरीदारों किसी तरह की अतिरिक्त लागत, पेनाल्टी या ब्याज नहीं वसूला जाएगा।
बिल्डरों को ये राहतें भी
-अधूरे प्रोजेक्ट पूरे करने को अतिरिक्त फंड जुटाने के लिए बिल्डर अपने साथ दूसरे बिल्डर को भी जोड़ सकेगा। इसके लिए प्राधिकरण से मंजूरी लेना अनिवार्य नहीं होगा।
-बिल्डर को अपनी बची या खाली जमीन सरेंडर करने की छूट होगी। सरेंडर करने के साथ ही जमीन पर बकाया और पेनाल्टी माफ की जाएगी।
-समिति के मुताबिक बिल्डर को अपनी परियोजना के विस्तार मंजूरी दी जाएगी। मंजूरी के लिए बकाया रकम के पूरे भुगतान की जरूरत नहीं होगी।
-वर्ष 2018 से पहले शुरु हो चुके व दो साल से ज्यादा की देरी वाली परियोजना पूरा करने की जिम्मेदारी रेरा उठाएगा।
-एमएसएएमई की तरह अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए कम ब्याज पर बिल्डर को लोन की सिफारिश भी की है। इस लोन की गारंटी केंद्र सरकार लेगी।
-समिति ने कहा कि रियल इस्टेट परियोजनाओं के मामले एनसीएलटी और दिवालिया एक्ट में जाने का विकल्प बिल्कुल अंतिम रखा जाए।
ये भी पढ़ें – लोकसभा चुनाव: राहुल, सोनिया और प्रियंका तीनों को यूपी से लड़ाने की तैयारी, खरगे को लेकर रहस्य बरकरार
ये भी पढ़ें – खुशखबरी: यूपी पुलिस में आईं बंपर भर्तियां, करना होगा ऑनलाइन आवेदन, इसी सप्ताह से शुरू होगी पूरी प्रक्रिया
कैबिनेट बैठक में इन प्रस्तावों पर लगी मुहर:
– संजय गांधी स्नाकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ में एडवांस्ड प्रिडिक केंद्र की स्थापना के लिए प्रस्ताव को मंजूरी।
– उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के अंतर्गत प्रदेश में मेगा श्रेणी के औद्योगिक उपक्रमों हेतु विशेष सुविधाएं एवं रियायती अनुमय कराए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
– जिला शाहजहांपुर में नवीन जिला कारागार जिसमें बंदी क्षमता 2120 के निर्माण कार्य के लिए संपूर्ण प्रयोजन एवं लाख की लागत पर प्रशासकीय स्वीकृति के संबंध में स्वीकृति दे दी गई है।
– उत्तर प्रदेश वन विभाग अवर अधीनस्थ (वनरक्षक और वन्य जीव रक्षक) सेवा नियमावली 2015 में संशोधन को मंजूरी।
– बैठक में अधिवक्ता कल्याण निधि को बढ़ाकर 500 करोड़ किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति।
– सहारनपुर विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र में 33 राजस्व ग्रामों को सम्मिलित किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।