UP: सुलतानपुर जेल में बंद दो भाईयों की ‘संदिग्ध परिस्थिति’ में मौत, 24 पन्नों की जांच रिपोर्ट में खुलासा

सुलतानपुर की एक जेल में दो विचाराधीन कैदियों की कथित आत्महत्या की मजिस्ट्रेट जांच से पता चला है कि उनकी मौत ‘‘संदिग्ध परिस्थतियों” में हुई. एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. दो विचाराधीन कैदी मनोज रैदास उर्फ मंजू (21) और उसके चचेरे भाई विजय पासी उर्फ करिया (19) के शव 21 जून, 2023 को अमहट जिला जेल में एक पेड़ से फंदे से लटके हुए पाए गए थे.

जेल अधिकारियों ने दावा किया था कि दलित समुदाय से आने वाले दोनों कैदियों ने ‘‘अवसाद” के कारण आत्महत्या की, लेकिन इसके विपरीत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सपना त्रिपाठी ने 24 पन्ने की जांच रिपोर्ट में पाया कि उनकी मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई और यह साबित नहीं हुआ कि कैदियों की मौत अवसाद के कारण हुई थी.

जिला जेल में बंद दो विचाराधीन कैदियों के इसी वर्ष जून में फंदे से लटककर कथित रूप से आत्महत्या करने के मामले में जांच अधिकारियों ने जेल अधिकारियों को दोषी ठहराया है. रिपोर्ट पिछले सप्ताह जिला न्यायाधीश को सौंपी गई थी.

जेल अधिकारियों ने जांच अधिकारी को बताया कि कथित आत्महत्या स्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे तथा विचाराधीन कैदियों की विसरा रिपोर्ट भी जांच अधिकारी को उपलब्ध नहीं कराई गई.

जांच के दौरान जेल कर्मचारियों, कैदियों, पीड़ितों के परिवार के सदस्यों और एक चिकित्सक सहित लगभग 20 गवाहों के बयान दर्ज किए गए.

सुलतानपुर की जिला मजिस्ट्रेट कृतिका ज्योत्सना ने जांच रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की है, लेकिन उन्होंने इसकी सामग्री साझा करने से इनकार किया है. उन्होंने कहा है कि मुझे रिपोर्ट की प्रति मिल गई है और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

मनोज रैदास और विजय पासी को उनके 48 वर्षीय पड़ोसी ओम प्रकाश की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिनकी इसी साल 26 मई को उनके घर के बाहर सोते समय हत्या कर दी गई थी. पुलिस की पूछताछ में दोनों ने हत्या की बात कबूल की थी.

तत्कालीन सुलतानपुर जेल अधीक्षक उमेश सिंह के अनुसार दोनों कैदियों के शव पेड़ से लटकते पाए जाने के बाद उन्होंने तुरंत अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया था, जिन्होंने घटनास्थल का दौरा भी किया. उन्होंने बताया कि फॉरेंसिक टीम और श्वान दस्ते को भी मौके पर बुलाया गया और कुछ भी असामान्य नहीं मिला.

सिंह ने कैदियों के शरीर पर किसी तरह के गहरे चोट के निशान पाए जाने से इनकार किया और कहा कि दोनों ने आत्महत्या की है. उन्होंने यह भी कहा कि जिला मजिस्ट्रेट की जांच में कुछ भी असामान्य नहीं पाया गया. सिंह वर्तमान में वाराणसी में तैनात हैं.

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