UP में फंस गए अखिलेश! BJP ने चला ऐसा दांव कि बढ़ गया सपा का क्लेश, RS चुनाव में किसका पलड़ा भारी?

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आज का दिन काफी अहम है. उत्तर प्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले ही आज यानी मंगलवार को होने वाले राज्यसभा चुनाव में पार्टियों के पीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी, जिसमें 10 सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आठ और विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) ने तीन उम्मीदवार उतारे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि देश में आम चुनाव से ठीक पहले हो रहे राज्यसभा चुनाव के नतीजों का राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश पर प्रभाव पड़ेगा. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के पास क्रमशः सात और तीन सदस्यों को निर्विरोध राज्यसभा भेजने के लिए विधानसभा सदस्यों का पर्याप्त संख्या बल है, लेकिन भाजपा ने अपने आठवें उम्मीदवार के रूप में संजय सेठ को मैदान में उतारा है, जिससे एक सीट पर कड़ी प्रतिस्पर्धा होने की संभावना है.

भाजपा ने संजय सेठ को अपने आठवें उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारकर यूपी में राज्यसभा चुनाव को फंसा दिया है. एक ओर भाजपा का पर्याप्त सदस्यों की संख्या के मुकाबले एक अधिक उम्मीदवार उतारना और सपा की बैठक से आठ विधायकों का गायब रहना, यूपी की सियासत में कुछ बड़ा होने के संकेत हैं. स्थानीय उद्योगपति और पूर्व सपा नेता संजय सेठ 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे. संजय सेठ ने बीते दिनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में अपना नामांकन दाखिल किया था. माना जा रहा है कि क्रॉस वोटिंग आज होगी और ऐसे में मामला फंस सकता है.

यूपी में 10 सीटों के लिए वोटिंग
राज्यसभा की 10 सीट के लिए मंगलवार को मतदान होगा और उसी दिन नतीजे भी घोषित कर दिये जायेंगे. कुल 403 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा और सपा क्रमशः 252 विधायकों और 108 विधायकों के साथ दो सबसे बड़े दल हैं. सपा की गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के पास दो सीट हैं. भाजपा की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) को 13, निषाद पार्टी को छह, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को नौ, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) को छह, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को दो और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को एक सीट मिली है. फिलहाल विधानसभा में चार सीट खाली हैं.

भाजपा-सपा ने किन-किन को मैदान में उतारा
भाजपा द्वारा मैदान में उतारे गए सात अन्य उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री आर पी एन सिंह, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह, पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के महासचिव अमरपाल मौर्य, पूर्व राज्य मंत्री संगीता बलवंत (बिंद), पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व विधायक साधना सिंह और आगरा के पूर्व महापौर नवीन जैन हैं. सपा ने अभिनेत्री-सांसद जया बच्चन, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी व राज्य के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और दलित नेता रामजी लाल सुमन को मैदान में उतारा है.

जीत के लिए कितने मतों की जरूरत
एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के लिए एक उम्मीदवार को लगभग 37 प्रथम वरीयता मतों की आवश्यकता होगी. राज्यसभा चुनाव के बारे में विस्तार से बताते हुए निर्वाचन अधिकारी बृजभूषण दुबे ने कहा, ‘एक उम्मीदवार को जीत दर्ज करने के लिए 36.37 प्रथम वरीयता वोट की आवश्यकता होगी. वर्तमान में, उत्तर प्रदेश विधानसभा में 399 विधायक हैं.’ यह पूछे जाने पर कि क्या जेल में बंद तीन विधायक भी राज्यसभा चुनाव में मतदान कर सकेंगे, दुबे ने कहा कि यह अदालत और संबंधित राजनीतिक दल द्वारा तय किया जाएगा. बता दें कि सपा विधायक इरफान सोलंकी एवं रमाकांत यादव और सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी जेल में हैं.

आज ही आएंगे नतीजे
निर्वाचन अधिकारी दुबे ने कहा कि विधायक गेट सात से प्रवेश करेंगे, कमरा 80 से मतपत्र लेंगे और वोट डालने के लिए तिलक हॉल जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘मतदान मंगलवार सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक होगा. मतगणना शाम पांच बजे से शुरू होगी और नतीजे मंगलवार रात को ही घोषित होने की संभावना है.’ राज्यसभा चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन पर भरोसा जताते हुए मौर्य ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”भाजपा के सभी उम्मीदवार राज्यसभा चुनाव में जीत दर्ज करेंगे.”

विधानसभा में समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने कहा कि सभी सपा विधायक राज्यसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवारों के लिए मतदान करेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या सपा उम्मीदवारों के लिए अंतत: एक वोट की कमी पड़ सकती है, पांडेय ने कहा, ‘हमारे वोट कम कैसे रहेंगे? हमारे लोगों ने सुभासपा और रालोद से (2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव) लड़ा था और मूल रूप से वे सपा से हैं.’

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सपा के कौन-कौन से विधायक शामिल नहीं हुए
राज्यसभा चुनाव से एक दिन पहले सोमवार रात को समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई पार्टी विधायकों की बैठक में आठ विधायक शामिल नहीं हुए. विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज पाण्डेय (ऊंचाहार), मुकेश वर्मा (शिकोहाबाद), महाराजी देवी (अमेठी), पूजा पाल (कौशांबी), राकेश पाण्डेय (अंबेडकर नगर), विनोद चतुर्वेदी (कालपी), राकेश प्रताप सिंह (गौरीगंज), अभय सिंह (गोसाईंगंज) शामिल नहीं हुए.

सपा में हो गया खेला?
अखिलेश यादव द्वारा सोमवार को बुलाई गई बैठक में सपा के आठ विधायकों के नहीं पहुंचने को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाी जा रही हैं. राज्यसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर मंगलवार को वोटिंग है मगर कुल 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. राज्य विधानसभा में अपने संख्या बल के आधार पर भाजपा सात जबकि समाजवादी पार्टी तीन उम्मीदवारों को चुनाव जिताने में सक्षम है, मगर भाजपा द्वारा उद्योगपति संजय सेठ को अपना आठवां उम्मीदवार बनाए जाने के बाद यह मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है. अगर भाजपा के आठवें उम्मीदवार के पक्ष में ‘क्रॉस वोटिंग’ हुई तो सपा को अपना तीसरा प्रत्याशी जीताने में मुश्किल हो सकती है. मीटिंग से समाजवादी पार्टी के आठ विधायकों के गायह होने से ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सपा में खेला हो गया है. (इनपुट भाषा से)

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