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पश्चिमी उप्र की सियायत में गहरा दखल रखने वाले राष्ट्रीय लोकदल की भाजपा से दोस्ती करीब पांच दशक पुरानी है। जनता दल में अटल बिहारी वाजपेयी और चौधरी चरण सिंह की दोस्ती से शुरू हुआ यह सफर तीसरी पीढ़ी में नए रिश्तों की इबारत लिखने की राह पर है।
भाजपा और कांग्रेस के साथ केंद्र और यूपी में तीन बार सत्ता में दखल रख चुकी रालोद अब दोनों पावर सेंटर्स पर अपना दमखम दिखाएगी। जानकारों के मुताबिक वर्ष 1977 में जनता दल का हिस्सा रहे अटल बिहारी वाजपेयी और चौधरी चरण सिंह की मित्रता लंबे वक्त तक चली।
अगले दो दशकों में सियासत बदली और चरण सिंह के बेटे चौधरी अजित सिंह वीपी सिंह सरकार और नरसिम्हाराव की सरकार में केंद्रीय मंत्री बने। अजित सिंह ने वर्ष 1999 में रालोद बनाई, जिसके बाद भाजपा के साथ मिलकर कई बार चुनाव लड़ा। वह अटल सरकार में कृषि मंत्री बने।
वर्ष 2003 में सपा का दामन थामा, जिसके बाद मुलायम सरकार में छह मंत्री पद मिले। हालांकि 2004 में सपा के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़कर तीन सीटें तो जीतीं, लेकिन केंद्र सरकार में शामिल नहीं हो सके।