सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
मतदान के दिन किसी प्रत्याशी का एजेंट जुबानी ही किसी मतदाता के नाम या पहचान पर सवाल खड़ा नहीं कर सकेगा। इसके लिए उसे दो रुपये जमा कर वोट पर आपत्ति (चैलेंज) करनी होगी। पीठासीन अधिकारी दो रुपये की रसीद देगा और तत्काल जांच करेगा।
यदि मतदाता सही है तो उसे ईवीएम से वोट की अनुमति दे दी जाएगी। यदि वह फर्जी है तो उसे प्रारूप-20 की रिपोर्ट के साथ तत्काल थानाध्यक्ष को कानूनी कार्रवाई के लिए सौंप दिया जाएगा। आपत्ति सही पाए जाने पर एजेंट को दो रुपये वापस कर दिए जाएंगे।
आमतौर पर चुनावों में फर्जी वोटिंग को लेकर काफी शिकायतें आती हैं। इसी तरह अनुपस्थित, स्थानांतरित व मृत सूची में दर्ज मतदाता भी कई बार वोट डालने पहुंच जाते हैं, जिसको लेकर विवाद होता है।
ईवीएम से वोट पर वीवीपैट से निकलने वाली पर्ची से जुड़ी शिकायतें समेत कई विवाद आते हैं। ऐसे में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने मतदान के दिन की विशेष परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए विस्तृत गाइडलाइन तय की है।