
रेल अफसर की सराहना
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दो दिन पहले ट्रेन में जहां ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए एक बुजुर्ग यात्री को रेलवे अफसरों की संवेदनहीनता का सामना करना पड़ा, तो वहीं रविवार रात को रेलवे ने एक छह माह के मासूम की मदद के लिए संवेदनशीलता दिखाई।
ट्रेन में भूख से बिलख रहे मासूम के लिए जब स्टेशन पर दूध का इंतजाम नहीं हो सका, तो रेलवे अफसर ने आधी रात को अपने घर से मंगाकर दूध दिया। बच्चे की रोने की आवाज से गूंज रहे कोच में जब रेलवे अफसर दूध लेकर पहुंचे तो हर यात्री ने सराहना की।
जम्मूतवी से चलकर नांदेड़ जाने वाली नांदेड़ एक्सप्रेस के कोच बी-13 की सीट नंबर 39 पर महाराष्ट्र के पूर्णा निवासी अविनाश जाधव अपने परिवार और छह माह के बेटे श्रेयस के साथ पठानकोट से पूर्णा के लिए यात्रा कर रहे थे। वे रविवार सुबह 9:51 बजे पठानकोट से ट्रेन में सवार हुए।
उनके पास बच्चे के लिए पर्याप्त दूध था। ट्रेन रास्ते में तीन घंटा लेट हो गई। ट्रेन रात 11:30 बजे आगरा कैंट पहुंची। तब तक बच्चे का दूध खत्म हो गया। ट्रेन आगरा से चलकर धौलपुर पहुंची तो बच्चा भूख के चलते रोने लगा। अविनाश जाधव ने बताया कि उम्मीद थी कि ग्वालियर पर दूध मिल जाएगा।