lok sabha election
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
कानपुर नगर सीट से कांग्रेस के प्रबल दावेदार माने जा रहे अजय कपूर के भाजपा में जाने के बाद पार्टी के सामने ऊहापोह की स्थिति बन गई है। अजय कपूर पार्टी जिन्हें सर्वमान्य चेहरा समझ रही थी, उनके पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस अब इस उलझन में है कि ब्राह्मण को प्रत्याशी बनाएं या वैश्य बिरादरी के प्रत्याशी को मौका दें। क्योंकि इन दोनों ही बिरादरी के मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी है।
एक सप्ताह पहले प्रदेश चयन समिति की ओर से तीन नेताओं के नाम पार्टी केंद्रीय इकाई को भेजे गए थे, जिसमें अजय कपूर, आलोक मिश्रा और पवन गुप्ता का नाम शामिल था। अब सिर्फ दो चेहरे ही रह गए हैं। दोनों ही लोकसभा चुनाव के लिए नए हैं। कांग्रेस में महानगर सीट से प्रत्याशी की घोषणा अगले एक सप्ताह के अंदर होनी है।
इसके लिए गुरुवार को भी दिल्ली में केंद्रीय कमेटी की बैठक में अन्य सीटों के साथ कानपुर की सीट को लेकर भी चर्चा की गई। पता चला है कि 18 मार्च को प्रत्याशी घोषित करने के लिए फाइनल सूची तैयार की जाएगी। इसमें किसी एक के नाम पर मुहर लग सकती है।
बाह्मण प्रत्याशी ही क्यों, इसे लेकर जो मंथन चल रहा है, उसमें यह बात सामने आई है कि महानगर सीट पर सबसे ज्यादा मतदाता इसी बिरादरी से आते हैं। ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या करीब 6.5 लाख बताई जाती है। इसी तरह वैश्य बिरादरी की बात करें तो इसके मतदाताओं की यहां पर कुल संख्या करीब 4.5 लाख के आसपास है।