
खनन कार्य
– फोटो : अमर उजाला
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शासन की लाख सख्ती के बाद भी उत्तराखंड से खनन लदे वाहन बॉर्डर पार कर उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों तक आसानी पहुंच रहे हैं। इस बार माफिया और उसके गुर्गों ने पुलिस प्रशासन और खनन विभाग से बचने के लिए ऐसा तरीका निकाला, जिसे देखकर अफसर भी हैरान हैं। माफिया और उसके गुर्गे अफसरों की रेकी करते हैं और व्हाट्सएप ग्रुप पर लोकेशन शेयर कर देते हैं।
खनन लदा ट्रक पकड़ा गया तो वहां एक संदिग्ध व्यक्ति रेती करने पहुंच गया। उसका मोबाइल चेक करने पर इसका खुलासा हुआ। इस मामले में खनन अधिकारी राहुल सिंह ने भोजपुर थाने में 22 नामजद और कुछ अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया है। जिसमें खनन अधिकारी ने बताया कि 30 नवंबर को भोजपुर क्षेत्र के मनकुआ मंसूरपुर में खनिज लदा ट्रक पकड़ा था।
इसी दौरान वहां एक संदिग्ध व्यक्ति पहुंच गया और रेकी करने लगा। टीम ने उसे पकड़ कर उसका मोबाइल चेक किया। जिसमें मोबाइल में कई व्हाट्सएप ग्रुप थे। परिवहन कर्ता व्हाट्सएप ग्रुप पर आरोपी ने पोस्ट किया था कि टीम ट्रक के पास खड़ी है। आरोपी अफसरों की लोकेशन दे रहा था।
खनन अधिकारी ने बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए आरोपी टास्क फोर्स के सदस्य और प्रवर्तन की टीम के कार्य में बांधा डाल कर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे थे। इतना ही नहीं आरोपी नंबर प्लेट पर ग्रीस लगा देते हैं या फिर कपड़ा बांध देते हैं। आरोपी के मोबाइल से पता चला है कि उन्होंने हाईवे किंग्स नाम से भी एक ग्रुप बना रखा है।
जिसमें 83 सदस्य हैं। जिसमें हसन, सलीम हिंदुस्तान रोड लाइंस और तसलीम रजा ग्रुप एडमिन हैं। दूसरा व्हाट्सएप ग्रुप अपना ग्रुप नाम से बना है। जिसमें 42 सदस्य हैं। जिसका एडमिन आरिफ सलीम मुंशी और फरमान खान हैं।
ग्रुप के मैसेज से स्पष्ट है कि इस ग्रुप में सलीम काशीपुर मुख्य भूमिका निभाता है। समय और प्रवर्तन टीम को देखकर ट्रक पास करता है। खनन विभाग की टीम ने जांच पड़ताल की तो कई और नाम सामने आए हैं।