
अमरोहा में बंदरों का आतंक
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अमरोहा शहर से लेकर गांव तक बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। यही हालत तासिया गांव के हैं। यहां दो महीने में 18 लोगों को खूंखार बंदरों ने काट कर घायल कर दिया है। घायलों में अधिकांश महिलाएं शामिल हैं। ग्रामीणों ने बंदरों को पकड़वाने की मांग की है। तासिया गांव रजबपुर थानाक्षेत्र के गांव हैं।
ग्रामीणों के मुताबिक गांव में खूंखार बंदरों का आतंक बढ़ गया है। रविवार शाम गांव निवासी 55 वर्षीय भगवानदास किसी काम से छत पर गए थे। तभी उन पर बंदरों के झुंड ने हमला कर दिया। उन्हें कई जगह काटा। इस दौरान वह गिरकर घायल भी हो गए। बाद में परिजनों ने बंदरों को भगाया।
इससे पहले बंदर इंद्र सिंह, जसवीर सिंह, अनामिका, दुर्गेश, जयवती, प्रकाश, लीलावती, भागवती, शकुंतला, विद्या देवी, संतपाल सिंह, गुरमीत सिंह, मुन्नू, यशपाल सिंह, सुनीता, मोहित, सरिता को हमला कर घायल कर चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बंदर खूंखार हो रहे हैं। लेकिन, इन्हें पकड़ने के लिए कोई पहल नहीं हो रही है।
बंदर के काटने पर ये करें
सीएमओ डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि बंदर के काटने से होने वाले घाव को लेकर घबराएं नहीं। इस घाव का इलाज भी कुत्ते के काटने से बने घाव की तरह ही किया जाता है। साबुन और पानी से इस घाव को कुछ सेकेंड नहीं, 5-10 मिनट तक धोएं। इस पर डेटॉल, बीटाडीन जैसे एंटीसेप्टिक लगाए।
सिर्फ कुत्ते के काटने से ही रेबीज होता है, बंदर के काटने से नहीं, यह गलत धारणा है। बंदरों के काटने से भी रेबीज हो सकता है। इसलिए घाव धोने के तुरंत बाद डॉक्टर से संपर्क करें। चौबीस घंटे में रेबीज का इंजेक्शन लगवाएं।