UN General Assembly ने गाजा में ‘मानवीय संघर्षविराम’ की मांग वाला प्रस्ताव पारित किया

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इजराइल और गाजा के बीच संघर्ष को रोकने के लिए गाजा में ‘‘मानवीय संघर्ष विराम’’ का आह्वान करने वाला एक प्रस्ताव शुक्रवार को पारित किया। हालांकि यह प्रस्ताव बाध्यकारी नहीं है।

अरब देशों द्वारा पेश किए गए इस प्रस्ताव को 193 सदस्यीय इस विश्व निकाय ने 14 के मुकाबले 120 मतों से पारित कर दिया,वहीं 45 देश इस पर मतदान से दूर रहे।
महासभा ने अमेरिका द्वारा समर्थित कनाडा के एक संशोधन को खारिज करते हुए यह प्रस्ताव पारित किया।

इसमें हमास द्वारा इजराइल पर सात अक्टूबर के ‘‘आतंकवादी हमले’ की स्पष्ट रूप से निंदा करने और हमास द्वारा बंधक बनाए लोगों की तत्काल रिहाई की मांग की गयी थी।
संयुक्त राष्ट्र के 22 देशों के अरब समूहों की ओर से संयुक्त राष्ट्र में जॉर्डन के राजदूत महमूद हमूद ने जमीनी स्तर पर बढ़ते तनाव की तात्कालिकता के कारण इस प्रस्ताव पर कार्रवाई करने का आह्वान किया।

संयुक्त राष्ट्र की और अधिक शक्तिशाली 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के पिछले दो सप्ताह में चार प्रयासों के बावजूद किसी प्रस्ताव पर सहमत न होने के बाद अरब देशों के समूह ने महासभा का दरवाजा खटखटाया।

सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव कानूनी रूप से बाध्यकारी होते हैं लेकिन महासभा के प्रस्ताव बाध्यकारी नहीं होते।
मतदान से पहले हमूद ने कहा, ‘‘इजराइल अब किए जा रहे अत्याचारों के लिए जिम्मेदार है और ये अत्याचार गाजा में जमीनी आक्रमण के दौरान भी होंगे।’’

संयुक्त राष्ट्र में कनाडा के राजदूत रॉबर्ट रे ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि इस प्रस्ताव से ऐसा लगता है कि सात अक्टूबर की घटनाओं को भुला दिया गया है। संशोधन में हमास की निंदा की गयी है जो ‘‘इतिहास के सबसे वीभत्स आतंकवादी हमलों में से एक के लिए जिम्मेदार है।’’

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरान ने कहा कि अरब के प्रस्ताव में जानबूझकर निंदा नहीं की गयी या इजराइल का उल्लेख या किसी अन्य दल का उल्लेख नहीं किया गया। उनके इस बयान पर महासभा में खूब तालियां बजीं।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर कनाडा वास्तव में न्यायसंगत होता तो वह हर किसी- दोनों पक्ष जो अपराध के दोषी हैं, का नाम शामिल करने पर राजी होता या वह किसी के नाम का उल्लेख नहीं करता जैसा कि हमने किया।’’
बुधवार को शुरू हुआ संयुक्त राष्ट्र महासभा का विशेष सत्र शुक्रवार सुबह तक चला।

अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने इजराइल के राजदूत के सुर में सुर मिलाते हुए हमास का जिक्र न करने के लिए इस प्रस्ताव को ‘‘अपमानजनक’’ बताया।
इस प्रस्ताव में तत्काल, स्थायी और सतत मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया गया है जिससे शत्रुता रोकी जा सके। इसमें सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय मानवीय और मानवाधिकार कानूनों के तहत अपने दायित्वों का तुरंत पालन करने की मांग की गयी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *