UN में भारत बोला- परमानेंट सीट मिलने में देरी क्यों: कहा- भारत के बिना दुनिया में सबको साथ लेकर चलना मुश्किल

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13 घंटे पहले

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संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज ने भारत को UNSC में स्थायी सदस्य न बनाए जाने पर सवाल किया। - Dainik Bhaskar

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज ने भारत को UNSC में स्थायी सदस्य न बनाए जाने पर सवाल किया।

भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में परमानेंट सीट ने दिए जाने पर सवाल किया।

भारतीय समय के मुताबिक, शनिवार देर रात संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कम्बोज ने कहा- भारत की स्थायी उपस्थिति के बिना न्यायसंगत और समावेशी दुनिया बनाना संभव नहीं है।

उन्होंने कहा- भारत के बिना दुनिया में सबको साथ लेकर चलना मुश्किल होगा। सुरक्षा परिषद में सुधारों की जरूरत है। सितंबर 2023 में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि UNSC की व्यवस्था में बदलाव नहीं हुआ तो लोग बाहर समाधान ढूंढना शुरू कर देंगे।

उन्होंने कहा था- UNSC ओल्ड क्लब के जैसा हो गया है। UNSC में शामिल कुछ सदस्य (राष्ट्र) अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने देना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि नए सदस्य आने पर उनकी ग्रिप कमजोर हो जाएगी। क्लब के मेंबर नहीं चाहते कि उनके कामों पर कोई सवाल खड़ा करे। वे नहीं चाहते कि मेम्बर्स की संख्या में बढ़ोतरी हो। बिना किसी सुधार के चलते संयुक्त राष्ट्र का प्रभाव कम होता जा रहा है।

टेस्ला के CEO एलन मस्क ने संयुक्त राष्ट्र संघ की सिक्योरिटी काउंसिल यानी UNSC में भारत की परमानेंट सदस्यता का समर्थन कर चुके हैं।

टेस्ला के CEO एलन मस्क ने संयुक्त राष्ट्र संघ की सिक्योरिटी काउंसिल यानी UNSC में भारत की परमानेंट सदस्यता का समर्थन कर चुके हैं।

भारत UNSC में परमानेंट सीट क्यों चाहता है…
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है। यह UN की सबसे पावरफुल संस्था है। इस पर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने और संयुक्त राष्ट्र चार्टर में किसी भी बदलाव को मंजूरी देने की जिम्मेदारी है।

कुछ मामलों में UNSC अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने या बहाल करने के लिए प्रतिबंध लगाने या बल उपयोग करने का सहारा ले सकती है। यानी अगर भारत भी UNSC का परमानेंट मेंबर बन गया तो दुनिया के किसी भी बड़े मसले पर उसकी सहमति जरूरी होगी।

5 सदस्य कब तक 188 देशों की सामूहिक आवाज को कुचलते रहेंगे
रुचिरा कम्बोज ने कहा- UNSC में भारत को परमानेंट सीट मिलने में देरी क्यों हो रही है। कब तक 5 स्थायी सदस्यों की इच्छा UN के 188 सदस्य देशों की सामूहिक आवाज पर हावी होती रहेगी।

सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य देश हैं, जिनमें 5 स्थायी (P-5) और 10 अस्थायी हैं। स्थायी सदस्यों में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन शामिल हैं। स्थायी सदस्यों में से यदि कोई भी देश किसी फैसले से असहमत होता है तो वीटो पॉवर का इस्तेमाल कर उसे पास होने से रोक सकता है।

UNSC के 5 परमानेंट मेंबर हैं- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन। इनमें 4 देश भारत का समर्थन करने को तैयार हैं, लेकिन चीन रोड़ा बन रहा है।

UNSC के 5 परमानेंट मेंबर हैं- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन। इनमें 4 देश भारत का समर्थन करने को तैयार हैं, लेकिन चीन रोड़ा बन रहा है।

भारत UNSC में छठी परमानेंट सीट का सबसे मजबूत दावेदार

  • दुनिया की 17% आबादी भारत में रहती है। 142 करोड़ जनसंख्या के साथ भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी का देश है। UNSC में इतनी बड़ी आबादी का रिप्रेजेंटेशन होना जरूरी है।
  • पिछले एक दशक में भारत की औसतन सालाना विकास दर 7% से ज्यादा रही है। यह चीन के बाद किसी भी दूसरे बड़े देश की तुलना में सबसे ज्यादा है। इस आर्थिक ताकत को UNSC में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
  • भारत परमाणु शक्ति संपन्न है, लेकिन वो इसका दिखावा नहीं करता। अगर भारत को सुरक्षा परिषद में शामिल किया जाता है तो परमाणु निरस्त्रीकरण प्रोग्राम में वह अहम भूमिका निभा सकता है।

इंटरनेशनल थिंक टैंक ‘अटलांटिक काउंसिल’ के सर्वे के मुताबिक यदि अगले एक दशक में UNSC का विस्तार होता है तो उसमें सबसे ज्यादा मौके भारत के लिए होंगे। एक्सपर्ट्स के बीच कराए गए सर्वे के अनुसार, भारत के स्थायी सदस्य बनने की संभावना 26% रहेगी।

सबसे बड़ा रोड़ा चीन
UNSC के 5 परमानेंट मेंबर हैं- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन। इनमें 4 देश भारत का समर्थन करने को तैयार हैं, लेकिन चीन नहीं चाहता कि UN की सबसे ताकतवर बॉडी पर भारत को एंट्री मिले। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कोई भी प्रस्ताव पारित करने के लिए सभी 5 स्थायी देशों का समर्थन जरूरी है।

फ्रांस, अमेरिका, रूस और ब्रिटेन अपनी सहमति जता चुके हैं, लेकिन चीन अलग-अलग बहानों से भारत की स्थायी सदस्यता का विरोध करता रहा है। जबकि भारत ने UNSC में चीन के परमानेंट मेंबर बनने का समर्थन किया था।

UNSC में 10 अस्थायी देश
5 स्थायी देशों के अलावा 10 अस्थायी देशों को भी 2 साल के लिए सुरक्षा परिषद में शामिल किया जाता है। इनका चयन क्षेत्रीय आधार पर किया जाता है। पांच सीटें अफ्रीका और एशियाई देशों के लिए, एक पूर्वी यूरोपीय देशों, दो लैटिन अमेरिकी और कैरिबियाई देशों और दो पश्चिमी यूरोपीय और अन्य देशों को दी जाती हैं।

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