Russian Army: पंजाब और हरियाणा के सात युवाओं ने भारत सरकार से तत्काल मदद की गुहार लगाई है. उनका दावा है कि उन्हें रूस में मिलिट्री सर्विस के लिए धोखे से ले जाया गया इसके बाद यूक्रेन युद्ध में शामिल होने के लिए भेज दिया गया. इन युवकों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें ये सभी एक कमरे में सैनिक वर्दी में दिखाई दे रहे हैं.
ये सातों युवक एक कमरे के अंदर खड़े हैं जिसमें एक बंद (और बंद) खिड़की है. छह एक कोने में खड़ें हैं जबकि सातवां – हरियाणा के करनाल का 19 वर्षीय हर्ष – एक वीडियो मैसेज रिकॉर्ड करता है जिसमें वह आपबीती सुनाता है और मदद मांगता है.
नए साल के जश्न में पहुंचे थे रूस
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लोग 27 दिसंबर को रूस में नया साल मनाने के लिए वहां रवाना हुए थे. उनके पास 90 दिनों के लिए वैध रूस यात्रा के लिए वीजा था – लेकिन फिर उन्होंने पड़ोसी देश बेलारूस की यात्रा की.
हर्ष ने वीडियो में दावा करता है, ‘एक एजेंट ने हमें बेलारूस ले जाने की पेशकश की… हमें नहीं पता था कि वहां वीजा की जरुरत पड़ती है. जब हम (बिना वीज़ा के) बेलारूस गए तो एजेंट ने हमसे अधिक पैसे मांगे और फिर हमें हाइवे पर छोड़ दिया. पुलिस ने हमें पकड़ लिया और रूसी सेना को सौंप दिया.’
‘धोखे से सेना में शामिल करने का आरोप’
हर्ष ने आरोप लगाया कि उनके आगे शर्त रखी गई कि या तो उन्हें दस साल की जेल होगी या फिर हमारे साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लो. आपको हेल्पर की जॉब मिलेगी. हमने कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लिया. बाद में पता चला कि हमारे साथ धोखा हुआ है और हमें सेना में भर्ती कर दिया गया है. हमें यूक्रेन छोड़ दिया गया और अब हमें युद्ध में शामिल करने जा रहे हैं.
यूक्रेन में रूसी सेना में शामिल एक भारतीय की मौत
यूक्रेन के खिलाफ रूस की लड़ाई में धोखे से शामिल होने वाले एक भारतीय मौत हो गई है. बुधवार को एक्स पर एक पोस्ट में, मॉस्को में भारतीय दूतावास ने हैदराबाद के मोहम्मद असफान की मौत की पुष्टि की, लेकिन इसका कारण नहीं बताया या यह नहीं बताया कि वह देश में क्या कर रहा था.
दूतावास ने पोस्ट में कहा, ‘हमें एक भारतीय नागरिक मोहम्मद असफान की दुखद मौत के बारे में पता चला है. हम परिवार और रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं। मिशन उनके पार्थिव शरीर को भारत भेजने का प्रयास करेगा.’
29 फरवरी को विदेश मंत्रालय ने कहा था कि रूस में फंसे कम से कम 20 भारतीयों ने भारतीय अधिकारियों से संपर्क किया है और सरकार उन्हें वापस लाने की पूरी कोशिश कर रही है.