Trisa and Gayatri आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप सेमीफाइनल में हारे

प्रतिरूप फोटो

Google Creative Commons

गायत्री ने मैच के बाद कहा ,‘‘ हमने इस मैच से बहुत कुछ सीखा। उन्होंने शटल पर से नियंत्रण नहीं छोड़ा और हम थोड़े घबरा गए थे।’’ त्रिसा ने कहा ,‘‘ उनका डिफेंस बहुत अच्छा था। हम घबरा गए थे और अच्छा नहीं खेल सके।’’

भारत की त्रिसा जॉली और गायत्री गोपीचंद की जोड़ी लगातार दूसरे साल आल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियनशिप महिला युगल के सेमीफाइनल में हार गई।
भारतीय जोड़ी को दुनिया की 20वें नंबर की कोरियाई जोड़ी बाएक ना हा और ली सो ही ने 46 मिनट तक चले मुकाबले में 21 . 10, 21 . 10 से हराया।
गायत्री ने मैच के बाद कहा ,‘‘ हमने इस मैच से बहुत कुछ सीखा। उन्होंने शटल पर से नियंत्रण नहीं छोड़ा और हम थोड़े घबरा गए थे।’’
त्रिसा ने कहा ,‘‘ उनका डिफेंस बहुत अच्छा था। हम घबरा गए थे और अच्छा नहीं खेल सके।’’

गायत्री के पिता पुलेला गोपीचंद आखिरी बार 2001 में आल इंग्लैंड खिताब जीतने वाले भारतीय थे। उनसे पहले प्रकाश पादुकोण ने 1980 में यह खिताब अपने नाम किया था।
उन्नीस वर्ष की त्रिसा और 20 वर्ष की गायत्री के पास फाइनल्स में पहुंचने का बड़ा मौका था लेकिन वे सेमीफाइनल की बाधा पार नहीं कर सके।
उनके सामने कोरिया की कठिन जोड़ी थे जिसमें से ली ने दो बार विश्व चैम्पियनशिप खिताब जीता हुआ है।
भारतीय जोड़ी अच्छी शुरूआत करने में नाकाम रही और शुरू ही में 0 . 4 से पिछड़ गई।

अपनी लंबी रेलियों से कोरियाई जोड़ी ने दबाव बनाये रखा और 11 . 5 की बढत बना ली। भारतीय जोड़ी ने कुछ अंक बनाकर स्कोर 9 . 13 किया लेकिन इसके बाद से मुकाबला एकतरफा होता चला गया।
दूसरे गेम में उन्होंने 11 . 2 की मजबूत बढत से ही शुरूआत की। भारतीयों ने कई गलतियां की जिसका उन्होंने फायदा भी उठाया और गेम तथा मैच अपने नाम कर लिया।
गायत्री और त्रिसा ने इससे पहले सातवीं वरीयता प्राप्त थाईलैंड की जोंगकोलफान के और रविंद्र पी के अलावा दुनिया की पूर्व नंबर एक जोड़ी जापान की युकी फुकुशिमा और सायाका हिरोता को हराया था।

Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



अन्य न्यूज़



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *