नर्मदापुरम. पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं प्रदेश के पूर्व लोक निर्माण मंत्री सरताज सिंह छतवाल का पार्थिव शरीर आज पंचतत्व में विलीन हो गया. उनका इटारसी के शांति धाम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. 83 वर्ष की अवस्था में लंबी बीमारी के बाद 12 अक्टूबर को भोपाल में उनका निधन हो गया था. उनके निधन पर मुख्यमंत्री सहित पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं, अन्य दलों के नेताओं और स्थानीय लोगों ने भावभीनी श्रंद्धाजलि दी.
अंतिम संस्कार से पहले स्व. सरताज सिंह के पार्थिव शरीर को आज नर्मदापुरम भाजपा मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था. बाद में इटारसी के गुरुद्वारा लाया गया जहाँ से शांति धाम के लिए अंतिम यात्रा निकाली गई. जिले के सभी दलों और वर्गों के लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी.
अटल सरकार में मंत्री रहे
सरताज सिंह 5 बार सांसद और 2 बार विधायक रहे. वो अटल बिहारी वाजपेई की 13 दिन की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और प्रदेश की शिवराज सरकार में पीडब्लूडी मंत्री रहे. सरताज सिंह का परिवार देश विभाजन के बाद इटारसी आकर बस गया था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा इटारसी में हुई. अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत भी उन्होंने इटारसी से की. 1971 में वो इटारसी नगर पालिका अध्यक्ष रहते हुए फर्शी की सड़क बनाने वाले के रूप विख्यात हुए. सरताज सिंह ने राजनीति की एक लंबी पारी खेली ओर लंबी बीमारी के बाद 12 अक्टूबर को भोपाल में अंतिम सांस ली. वो 2008 से 16 तक मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार में मंत्री रहे.
बीजेपी के अजेय योद्धा
सरताज सिंह की राजनीति पारी लंबी रही. वो 5 बार बीजेपी से सांसद चुने गए और 2 बार विधायक रहे. 1989 से 1996 तक वो होशंगाबाद लोकसभा सीट से लगातार तीन बार जीते. उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता रामेश्वर नीखरा को हराया. सरताज सिंह तब सबसे ज्यादा चर्चा में आए जब 1998 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अर्जुन सिंह को पराजित किया. उसके बाद 2004 में फिर वो चुनकर लोकसभा में पहुंचे. सरताज सिंह के खाते में बड़ी बड़ी जीत दर्ज हैं. उन्होंने कांग्रेस के दिग्गजों को हराया. अर्जुन सिंह औऱ रामेश्वर नीखरा के बाद उन्होंने 2008 में होशंगाबाद जिले की सिवनी मालवा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हजारीलाल रघुवंशी को हराया और 2013 में फिर से विधानसभा चुनाव जीते. वो शिवराज सरकार में मंत्री भी बनाए गए.
कांग्रेस में चले गए थे सरताज
लेकिन 2018 आते आते सरताज सिंह अपनी उपेक्षा से दुखी होकर बीजेपी से दूर हो गए और कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस ने उन्हें होशंगाबाद विधानसभा सीट का टिकट भी दिया. लेकिन वो बीजेपी के सीतासरण शर्मा से हार गए थे. शर्मा को इस चुनाव में 82216 वोट मिले. जबकि सरताज सिंह 66999 वोट हासिल कर सके. हालांकि बाद में सरताज सिंह फिर बीजेपी में लौट आए थे.
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FIRST PUBLISHED : October 13, 2023, 19:41 IST