तेलंगाना विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की नजर जीत के साथ ऐतिहासिक हैट्रिक पर भी है। वह अपनी कल्याणकारी योजनाओं के जरिए एक बार फिर सत्ता में वापसी की राह बना रहे हैं।
तेलंगाना विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं। चुनाव से पहले ही पार्टियों द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। जहां राज्य में एक ओर चुनावी मंच तैयार हैं, तो वहीं बीआऱएस, कांग्रेस और बीजेपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार दिख रहे हैं। हांलाकि तीनों दलों के दांव ऊंचे हैं। एक ओर जहां सत्तारूढ़ बीआरएस अपनी सत्ता को बचाए रखने की कोशिश कर रही है, तो वहीं बीजेपी और कांग्रेस भी बीआरएस को सत्ता से उखाड़ फेंकने की तैयारियों में लगी हैं।
केसीआर जीत के साथ लगाएंगे ऐतिहासिक हैट्रिक
तेलंगाना राज्य के गठन के बाद से राज्य में बीआऱएस का राज रहा है। ऐसे में राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की नजर जीत के साथ ऐतिहासिक हैट्रिक पर भी है। वह अपनी कल्याणकारी योजनाओं के जरिए एक बार फिर सत्ता में वापसी की राह बना रहे हैं। मुख्यमंत्री केसीआर जनता को साधने के लिए राज्य भर में कई जनसभाएं करेंगे। साथ ही बीआरएस पार्टी को भरोसा भी है कि तेलंगाना देने वाले व्यक्ति के रूप में राज्य की जनता केसीआर को एक मौका और देगी।
केसीआर ने बदली रणनीति
आपको बता दें कि राज्य में इस समय तेलंगाना काफी संभल कर अपने कदम रखती हुई नजर आ रही है। विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी ने कांग्रेस से भी दूरी बनाई हुई है। यही कारण है कि बीआरएस विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल नहीं हुआ है। वहीं बीजेपी से बीआरएस की पहले से दूरी है। जबकि बीआरएस प्रमुख केसीआर ने खुद विभिन्न दलों के प्रमुख नेताओं से मुलाकात कर विपक्षी एकता की पहल की थी। लेकिन राज्य के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए केसीआर ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि राज्य की जनता क्या एक बार फिर के चंद्रशेखर राव के हाथों में सत्ता की चाभी सौंपेगी।
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