केसीआर सरकार का मानना है कि तेलंगाना अल्पसंख्यकों की देखभाल के लिए यह योजना पूरे देश के लिए मिसाल है। केसीआर का कहना है कि उनकी सरकार यह योजना लागू करके अल्पसंख्यकों की गरीबी को खत्म करने की कोशिश कर रही है। इससे रोजगार शुरू करने व शिक्षा में उनकी मदद होगी।
इस साल के अंत तक तेलंगाना में चुनाव होने हैं। ऐसे में तेलंगाना विधानसभा चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए केसीआर सरकार ने अल्पसंख्यकों को बड़ा तोहफा दिया है। इस योजना के तहत अल्पसंख्यकों के हर परिवार को एक लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।
तेलंगाना विधानसभा चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए केसीआर सरकार ने अल्पसंख्यकों को बड़ा तोहफा दिया है। सीएम केसीआर ने अल्पसंख्यकों के लिए सब्सिडी के साथ एक लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। लेकिन भाजपा ने सीएम चंद्रशेखर राव की इस योजना पर सवाल उठाते हुए इसे तुष्टीकरण का नाम दिया है। इस साल के अंत तक तेलंगाना में चुनाव होने हैं। ऐसे में सत्ता हासिल करने के लिए सभी राजनैतिक पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है।
इन लोगों को मिला योजना का लाभ
आपको बता दें कि तेलंगाना सरकार के अनुसार, एक लाख रुपए की वित्तीय सहायता अल्पसंख्यकों के हर परिवार को दी गई जाएगी। जिसके बाद यह राशि वापस नहीं करना होगा। इस योजना का लाभ उन लोगों को मिलेगा। जिनकी शहरी क्षेत्र में सालाना आय 2 लाख रुपए और ग्रामीण क्षेत्र में सालाना आय 1,5 लाख से कम होगी। हिंदू, मुस्लिम, सिख, पारसी और बौद्ध इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। साथ ही योजना का लाभ पाने वाले की आयु 2 जून 2023 को 21 साल से 55 साल के बीच में होनी चाहिए।
इस योजना के लिए बजट आवंटन और कुल लाभार्थियों की संख्या के साथ प्रदेश सरकार पर आने वाले बोझ की गणना की जानी अभी बाकी है। प्रदेश सरकार में अल्पसंख्यक मंत्रालय के सचिव सैयद उमस जलील की तरफ से इसका ऐलान किया गया है। राज्य सरकार की तरफ से इस योजना को लेकर पूरे दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। तेलंगाना सरकार इस योजना का लाभ हर अल्पसंख्यक परिवार को योजनाबद्ध तरीके से देगी।
विधानसभा चुनाव में होगा लाभ
हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले भले ही इस योजना का सभी को लाभ मिलना मुश्किल है। लेकिन केसीआर सरकार को चुनाव में इस योजना का जरुर लाभ मिल सकता है। राज्य में करीब 52 फीसदी पिछड़ी जातियां हैं। साल 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य में 13 फीसदी मुस्लिम, 1.27 फीसदी ईसाई, सिख और 0.09 फीसदी बौद्ध व 0.08 फीसदी जैन हैं। राज्य सरकार की यह योजना आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
वहीं केसीआर सरकार का मानना है कि तेलंगाना अल्पसंख्यकों की देखभाल के लिए यह योजना पूरे देश के लिए मिसाल है। केसीआर का कहना है कि उनकी सरकार यह योजना लागू करके अल्पसंख्यकों की गरीबी को खत्म करने की कोशिश कर रही है। इससे रोजगार शुरू करने व शिक्षा में उनकी मदद होगी।