केसीआर सरकार ने जिस तरह से सभी क्षेत्रों में योजनाओं पर रणनीतिक रूप से अमल किया गया है, उसके परिणाम भी नजर आ रहे हैं। वहीं राज्य के 10 साल पूरे होने पर उत्सव और उल्लास का माहौल देखने को मिलता है।
तेलंगाना राज्य को 10 साल पूरे हो गए हैं। 2 जून साल 2014 में इस राज्य का गठन हुआ था। तेलंगाना बनने के पीछे वहां के लोगों का लंबा संघर्ष और अनेकों कुर्बानियां शामिल हैं। तेलंगाना आंदोलन के मुख्य नेता रहे सीएम केसीआर के कार्यकाल में राज्य ने इतने बदलाव और प्रगति देखे हैं, जो कि अविश्वसनीय हैं। केसीआर सरकार के 10 साल का शासनकाल राज्य के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरा है। वहीं प्रदेश लगातार उन्नति के पथ पर बढ़ता जा रहा है।
केसीआर सरकार ने जिस तरह से सभी क्षेत्रों में योजनाओं पर रणनीतिक रूप से अमल किया गया है, उसके परिणाम भी नजर आ रहे हैं। वहीं राज्य के 10 साल पूरे होने पर उत्सव और उल्लास का माहौल देखने को मिलता है। बता दें कि तेलंगाना आंदोलन के केसीआर निर्विवाद नेता रहे हैं। केसीआर ने इसके लिए जो संघर्ष किए बदले में राज्य की जनता ने चुनावों के जरिए उन्हें प्रदेश का ताज सौंपा। केसीआर ने 2 जून 2014 को तेलंगाना के सीएम के तौर पर शपथ ली थी। साल 2018 में भी केसीआर की सत्ता बरकरार रही।
आलोचकों का मुंह बंद
जब तेलंगाा राज्य की मांग की जाती थी, तो कहा जाता था कि राज्य के अलग होने पर यहां बिजली की किल्लत हो जाएगी। वर्तमान में राज्य में 24 घंटे की निर्बाध बिजली उन सभी आलोचकों के मुंह पर करारा तमाचा है। राज्य की केसीआर सरकार ने राज्य के विकास में कई अहम कदम उठाए हैं।
प्रगति के कीर्तिमान बनाता तेलंगाना
कालेश्वरम प्रोजेक्ट के जरिए सिंचाई के लिए नए इलाकों में पानी पहुंचाया जा रहा है। हैदराबाद को अंतरराष्ट्रीय शहर के रूप में विकसित किया गया है। हैदराबाद का पूरा नजारा बदल चुका है। यहां पर फ्लाईओवरों की कमी नहीं है। राज्य ने निवेश के लिए एक विशेष स्थान के लिए रूप में तैयार किया है। राज्य में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। तेलंगाना की राजधानी के रूप में हैदराबाद में भी समृद्धि बढ़ी है। तेलंगाना के लोगों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसकी प्रगति को आसानी से महसूस किया जा सकता है।