Telangana Elections 2023: तेलंगाना में खोई हुई सियासी जमीन तलाशेंगे सियासी दल, कांग्रेस, बीजेपी और बीएसपी ने बनाई रणनीति

इस साल के अंत तक तेलंगाना विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में राज्य की तीन राष्ट्रीय दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। अपनी-अपनी पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी के प्रमुख नेताओं ने खोई हुए सियासी जमीन तलाशनी शुरू कर दी है।

इस साल के अंत तक तेलंगाना विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में राज्य की तीन राष्ट्रीय दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। जिनमें से बीजेपी, कांग्रेस और बीएसपी की राज्य इकाइयों के अध्यक्ष चुनाव मैदान में उतरने के लिए उपयुक्त निर्वाचन क्षेत्रों की तलाश में जुटे हुए हैं। इससे पहले राज्य के सीएम के. चंद्रशेखर राव ने यह विश्वास जताया था कि उनकी पार्टी बीआरएस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव में कुल 119 में से 95 से 105 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी करेगी। 

कांग्रेस

तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और सांसद ए रेवंत रेड्डी अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र कोडंगल से चुनाव मैदान में उतरने का विचार बनाए हुए हैं। साल 2009 और 2014 में उन्होंने कोडंगल विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। लेकिन साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में वह बीआरएस उम्मीदवार से चुनाव हार गए थे। ऐसे में रेड्डी नारायणपेट और एलबी नगर से चुनाव में जीत मिलने की संभावनाओं पर भी विचार कर रहे हैं। 

ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि उनकी पार्टी चुनाव में जीत हासिल करेगी। ए रेवंत रेड्डी एलबी नगर पर भी कड़ी नजर बनाए हुए हैं। यह सीट उनके मलकजगिरी लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। वहीं रेड्डी का मानना है कि एलबी नगर से वह आसानी से चुनाव जीत जाएंगे। उनका मानना है कि एलबी नगर पूरे राज्य पर ध्यान केंद्रित करने में उनकी सहायता करेगा। इस बार के चुनावों में रेड्डी का एकमात्र लक्ष्य बीआरएस पार्टी को मात देना है। 

रेड्डी की नजर नारायणपेट पर

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद रेड्डी की नजर नारायणपेट पर भी है। साथ ही यह पड़ोसी राज्य रायचूर के काफी करीब है। रेड्डी का मानना है कि कर्नाटक का चुनाव परिणाम राज्य से जुड़े होने के कारण नारायणपेट पर भी पड़ेगा। इस विधानसभा क्षेत्र के नेताओं से भी रेड्डी लगातार संपर्क में हैं। नारायणपेट कभी महबूबनगर जिले का हिस्सा हुआ करता था। जहां पहले रेड्डी रहते थे। 

बीजेपी

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद बंदी संजय कुमार करीमनगर से विधानसभा चुनाव में दो बार असफल हुए। हालांकि अब वह वेमुलावाड़ा और हुस्नाबाद विधानसभा क्षेत्रों पर अपना फोकस कर रहे हैं। ये तीन विधानसभा क्षेत्र सांसद बंदी संजय कुमार के करीमनगर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं। तेलंगाना विधानसभा चुनाव में उनका लक्ष्य पार्टी को जीत की तरफ ले जाना है। पार्टी की जीत के लिए संजय कुमार एक सुरक्षित निर्वाचन क्षेत्र चाहते हैं। जिससे कि वह पार्टी की संभावनाओं को बढ़ावा देने के साथ अन्य क्षेत्रों पर भी ध्यान केंद्रित कर सकें। 

क्यों है वेमुलावाड़ा पर हंगामा

बताया जा रहा है कि संजय वेमुलावाड़ा को अपने लिए सुरक्षित ठिकाना मान रहे हैं। क्योंकि यहां से बीआरएस के मौजूदा सीएच रमेश नागरिकता के मुद्दों से जूझ रहे हैं। ऐसे में पार्टी नेतृत्व रमेश को किसी और के साथ बदल सकता है। बीआरएस टिकट के दावेदार सी लक्ष्मीनारिज्मा मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए वह बड़े पैमाने पर वेमुलावाड़ा निर्वाचन क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। लेकिन इस सीट से पदाधिकारी फिर से चुनाव लड़े जाने की इच्छा जता रहे हैं। इन दोनों नेताओं के मनमुटाव का फायदा बीजेपी के संजय उठाना चाहते हैं।

बीएसपी

इस दोनों पार्टियों के अलावा बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी आरएस प्रवीण कुमार अभी तक किसी भी फैसले पर नहीं पहुंच पाए हैं। वह कहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं, इस पर अभी तक उनका फैसला क्लिय़र नहीं हो सका है। हालांकि जानकारी के मुताबिक आरएस प्रवीण सिरपुर कागजनगर, चेन्नूर और चोपडांडी क्षेत्रों में अपनी संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं। साल 2014 में बीएसपी उम्मीदवार ने सिरपुर विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। लेकिन बाद में बीएसपी उम्मीदवार ने सत्तारुढ़ बीआरएस का दामन थाम लिया था।

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