तेलंगाना की गजवेल सीट सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसे एक हाइप्रोफाइल सीट माना जाता है। बता दें कि इस सीट से सीएम केसीआर अपनी किस्मत आजमाते हैं। साल 2014 के विधानसभा चुनाव में सीएम केसीआर ने इस सीट से चुनाव में जीत हासिल की थी।
तेलंगाना की गजवेल सीट सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह एक अहम सीट इसलिए भी है, क्योंकि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव साल 2014 में यहां से विधानसभा पहुंचे थे। साल 1952 में इस सीट का निर्माण हुआ था। यह मेडक संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है। वहीं एक बार मुख्यमंत्री केसीआर फिर से गजवेल सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। पिछले चुनाव में इस सीट से 12 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था। लेकिन सिर्फ 10 प्रत्याशी मैदान में खड़े हुए थे। जिनमें से 7 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी।
ऐसा था पिछले विधानसभा चुनाव का हाल
बता दें कि साल 2014 के विधानसभा चुनाव में सीएम केसीआर ने इस सीट से चुनाव में जीत हासिल की थी। सीएम केसीआर ने TDP के प्रताप रेड्डी को 19,391 मतों से हराया था। सीएक के. चंद्रशेखर राव को 44.42 फीसदी वोटरों ने मतदान किया था। वहीं TDP के प्रताप रेड्डी को 34.48 फीसदी मतदाताओं ने वोट किया था। पिछले विधानसभा चुनाव में कुच 85.85 फीसदी मतदाताओं ने वोट किया था।
सीएम केसीआर को 86,669 और प्रताप रेड्डी को 67,303 मतदाताओं ने वोट किया था। उस दौरान कुछ 1,95,167 वोटरों ने मतदान किए थे। गजवेल में पुरुष वोटरों की संख्या 99,977 और महिला वोटरों की संख्या 96,220 है। इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 2,33,636 है। ऐसे में इस साल के अंत तक तेलंगाना विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं ऐसा भी माना जा रहा है कि सीएम केसीआर इस बार गजवेल सीट को लेकर आश्वस्त नहीं है। गजवेल में कोई भी गलत आकलन नतीजों पर असर डाल सकता है। ऐसे में अगर सीएम गजवेल की सीट से हार जाते हैं, तो कामारेड्डी केसीआर को बचा लेगी।