नई दिल्ली:
Dr Sarvepalli Radhakrishnan: छात्र के बेहतर भविष्य को लेकर आदर्श शिक्षक का होना जरूरी है. क्योंकि शिक्षक ही अपने शिष्य को सही रास्ता दिखा सकता है. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का कहना था ‘जीवन को ज्ञान के सहारे आगे बढ़ाया जा सकता है. बिना ज्ञान के मनुष्य दिशाहीन जिंदगी जीता है. जीवन को सम्मान के साथ जीने में असक्षम रहता है. ऐसे में शिक्षक की भूमिका अहम है. समाज को सुधारने में उनकी जिम्मेदारी अनमोल है.’ शिक्षकों के सम्मान में एक दिन को समर्पित किया जाता है. यह है पांच सितंबर है. हर वर्ष इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है.
इस दिन देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन होता है. उनकी जयंती के मौके पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है. डाॅ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन में शिक्षा को काफी अहम मानते थे. उन्होंने आने वाली पीड़ी को प्रेरणा देने का काम किया है. आइए आपको बातते हैं कि उन्होंने आने वाली पीड़ी को क्या अनमोल वचन दिए हैं. इन्हें अपनाकर जीवन में बड़े सुधार किए जा सकते हैं.
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राधाकृष्णन के प्रेरक विचार
– उन्होंने शिक्षक के कर्तव्यों पर कहा है कि शिक्षक वो नहीं, जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरदस्ती न डाले. शिक्षक वहीं है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के बारे में समझाए और तैयार करे.
– उन्होंने किताबों को काफी अहमियत दी है. उनका मानना था कि ये हमें एकांत में विचार करने की आदत के साथ सच्ची खुशी देती हैं.
– शिक्षा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग हो सकता है. ऐसे में दुनिया को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबंधन होना चाहिए.
– जीवन में हर्ष और आनंद ही केवल ज्ञान और विज्ञान से संभव है. इसके लिए मन का तार्किक होना जरूरी है.
– पुस्तकें वो साधन हैं, जिसके जरिए से हम विभिन्न संस्कृतियों को जान सकते हैं. ये एक पुल का काम करती हैं.
– ज्ञान ही हमें शक्ति प्रदान करता है. प्रेम हमें संपूर्ण बनाता है.
– सही शिक्षक वह है जो हमें खुद के बारे सोचने में सहायता करता है. जब भी हम ये सोचते हैं कि हमें सब आता है तब हम सीखना बंद करते देते हैं और हमारा सीखना बंद हो जाता है.
– अच्छा गुरू वह होता है तो पूरी उम्र सीखता रहता है. जिसे अपने छात्रों से सीखने में किसी तरह का परहेज नहीं होता है.
– शिक्षा के बल पर ही मनुष्य के जीवन का सदुपयोग किया जा सकता है. ऐसे में संसार को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबंधन होना चाहिए.