मो.इकराम/धनबाद. लोगों में चाय को लेकर गजब का क्रेज है. कई लोगों की तो दिन की शुरुआत चाय से ही होती है. यही कारण है कि हर चौक चौराहों पर आपको चाय की दुकान भी दिख जाएगी. लेकिन इन दिनों तंदूरी चाय की चलन काफी बढ़ रहा है. लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं. इसे बनाने का तरीका भी काफी यूनिक होता है. यदि आप कोयलांचल में तंदूरी चायका स्वाद लेना चाहते हैं तो धनबाद स्टेशन रोड चले आइए. यहां जीशान के तंदूरी चाय स्टॉल पर स्वाद से भरपूर मिट्टी की भीनी भीनी खुशबु वाली तंदूरी चाय उपलब्ध है. यहां दो तरह की छोटी बड़ी पियाली में चाय दी जाती है. एक चाय की कीमत 10 रू छोटी और 20 रू बड़ी प्याली है.
जीशान ने बताया पहले जहाँ लोगों को कांच के गिलास में चाय परोसी जाती थी जिसे धोकर वापस उपयोग में लाया जाता था.यूं कहे तो एक मुंह से दूसरे मुंह तक गिलास का उपयोग होता था जबकि मिट्टी की प्याली में ऐसा नही है इसे यूज करने के बाद फेंक दिया जाता है और मिट्टी की प्याली की एक बड़ी विशेषता यह है कि इससे चाय का स्वाद भी दुगुना हो जाता है.
तंदूरी चाय को आधे घंटे आग में तपाया जाता है
दुकानदार जिशान ने बताया की तंदूरी चाय तैयार करने के लिए पहले प्याली को आग में घंटों तपाया जाता है इसके बाद खोलते हुए चाय में इसे डाला जाता है ताकि चाय में मिट्टी की सौंधी महक घुल सके. उन्होंने बताया पिछले छह सालों से स्टेशन रोड में चाय बेच रहे हैं और तंदूरी चाय पीने के शौकीनों की यहां हर वक़्त लाईन लगी रहती है.
उन्होंने बताया की तंदूरी चाय बनाने में 2 किलो चाय पत्ती और 10 किलो चीनी वा 100 ग्राम इलाइची की खफत होती है. प्रतिदिन हमारे दुकान पर 600 का 700 कपतंदूरी चाय बिक्री होती है जिसमें प्रतिदिन 50 किलो दूध की खफ्त होती है.और मिट्टी को पायली झरिया के कुम्हार से खरीद कर मंगवाते है 1 रुपया कीमत होता है.एक बार हजार पिस मिट्टी के प्याली लेकर तंदूरी चाय बनाकर लोगो को पिलाया जता है.
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FIRST PUBLISHED : November 2, 2023, 08:55 IST