आपको बिलकुल याद नहीं होगा, किसी समय की बात है किन्हीं गलत लोगों ने मिलकर कड़ी…
Tag: satire on indian politics
मेंढ़कलाल की फुदकियाँ (व्यंग्य)
हे मेंढ़कलाल! आपकी फुदकियों को शत-शत प्रणाम। पिछले कई वर्षों से पाँच का पहाड़ा पढ़कर पाँच,…
कुर्सी की माया, कोई समझ न पाया (व्यंग्य)
लोटाबाबू की शिष्यता करने वाले एक-दो चेले चपाटों ने एक दिन मजाक-मजाक में पूछ लिया कि…
भारतीय राजनीति में चीते और घोड़े (व्यंग्य)
जानवरों का सामयिक प्रयोग तो कब से हो रहा है। गाय, राजनीति का महत्त्वपूर्ण अंग, रंग…