मंदिर में पूजा की, डोल गया मन तो दोनों चले गए पंचायत भवन, मगर वहां देख रही थी तीसरी नजर, फिर जो हुआ…

मुंगेर. कहते हैं इश्क छिपाए नहीं छिपता है… उस पर भी बात जब जीने मरने की…