बिना बोले-बिना सुने बच्चों को बनाया जाता है धुरंधर, कभी आए थे पढ़ने, अब बन गए हैं शिक्षक

आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण. जब बच्चे का जन्म होता है, तब वह रोता है. रोना वैसे तो…