पहले चालान के क्या कहने (व्यंग्य)

पिछली सदी की बात करें तो कोई वाहन चालक अनजाने में या जानबूझकर ट्रैफिक नियमों का…

सेब नहीं आम (व्यंग्य)

पिछले दिनों हमारे घर कुछ मेहमान आए। बातों बातों में बात हुई फिर से महंगे हुए…

वोट एक तीर है जो एक बार छूटने के बाद पांच साल से पहले लौटकर नहीं आता- शरद जोशी

भारतीय राजनीति, चुनाव, नेता और वोट यानी मत को लेकर जितना शरद जोशी ने लिखा है,…

प्याज का रोना (व्यंग्य)

वैश्विक संकटों, राजनीतिक घोटालों और आर्थिक मंदी से भरी दुनिया में, इन दिनों प्याज गरमागरम मुद्दों…

प्याज की परतें (व्यंग्य)

पियाजीलाल ने जैसे तैसे अपने आंसू पोंछे। उसकी नौटंकी धीरे-धीरे थमने लगी। “तुम सही कह रहे…