मेरे एक मित्र हैं टेकचंद जो अपने इनोवेटिव आइडिया के लिये पहिचाने जाते हैं। उनका दिमाग…
Tag: समाज सेवा
सरकार हमारी बनेगी (व्यंग्य)
विधानसभा क्षेत्रों में इंतज़ार की अंगीठियां सेंकी जा रही हैं। कयासों की बारिश जारी है जो…
लोकतंत्र की सौगातें (व्यंग्य)
हमारे विश्वस्तरीय लोकतंत्र की अनेक सौगातें हैं । पूरी दुनिया हमारा लोहा मानती है। लोहा एक…
मिठास की दीवाली यात्रा (व्यंग्य)
दीपावली के दिनों में मेरी पत्नी के दिमाग में पैकेट्स का लेना देना शुरू हो जाता…
सेलिब्रेटीज़ का इमोशनल होना
कहा जाता है, व्यक्ति को भावनात्मक जीव होना चाहिए। महा भौतिक संसार में ऐसा करना मुश्किल…
असली-नकली मिठाई (व्यंग्य)
कुछ लोग बड़े सीजनल होते हैं। उनका काम ही त्यौहारों में खुशियाँ ढूँढ़ने की बजाय चिंताएँ…
घरों का सफाई अभियान (व्यंग्य)
मुरारी जी इन दिनों काफी व्यस्त चल रहे हैं। व्यस्त तो उनकी श्रीमती जी भी हैं।…
संबंधों के पुनर्निर्माण का मौसम (व्यंग्य)
पंचवर्षीय योजना के समापन होने पर उन्होंने हाथ बांध मुस्कुराता अभिवादन किया और बोले, ‘अभी भी…
व्यायाम और ध्यान (व्यंग्य)
व्यायाम और ध्यान करना बहुत अच्छी बात है। यह करके समय शांत और अच्छा व्यतीत होता…
दुर्भाग्यवश ही सब कुछ होय (व्यंग्य)
अपनी सुविधायुक्त रिहाइश में रात भर आराम से सोकर वह सुबह उठे। निजी स्वास्थ्य प्रबंधक द्वारा…