चुनाव आते हैं तो सिखाते हैं। इंसान जितना सीखता जाता है वह उतना ही गुरु होता…
Tag: विज्ञापन
दिल, दिमाग और पेट का कहना (व्यंग्य)
कुछ महीने पहले उन्होंने मनपसंद कार का टॉप मॉडल खरीदा। बारिश के समय अपने आप चलने…
किस्मत का बाज़ार (व्यंग्य)
देश के कर्मठ, नामी व्यवसायी द्वारा सप्ताह में सत्तर घंटे काम करने की बात पर बातें…
पुस्तक मेले के बारे उदगार (व्यंग्य)
लेखकों, किताबों, प्रकाशकों व जुगाड़ुओं का मेला फिर आ गया। फेसबुक, व्हाट्सेप, अखबार और एंटीसोशल मीडिया…
जब हम गए विदेश (व्यंग्य)
भारतीय जीवन से विदेश का आकर्षण कभी खत्म नहीं होता। आजकल तो जो हिन्दुस्तानी बंदा विदेश…
मोहमाया का कार्ड (व्यंग्य)
ढोंगपुर के उपभोक्तावादी साम्राज्य में, दिखावट की सबसे मंत्रमुग्ध वस्तुओं में से एक है उभरा हुआ…