पश्चिम भी स्वीकार रहा है कि सुख-दुःख वास्तव में भौतिक संसाधनों पर निर्भर नहीं करते

रामचरितमानस एक ओर राम का जीवन चरित्र व मनुष्य जाति के अनुभवों का उत्कट निचोड़ है…