जब चुनाव आते हैं (व्यंग्य)

चुनाव आते हैं तो सिखाते हैं। इंसान जितना सीखता जाता है वह उतना ही गुरु होता…

राजनीति के दरवाज़ें (व्यंग्य)

राजनीति में शामिल लोग आजकल खेला करने में लगे हैं। खेला करने के लिए उसके भावात्मक…

भगवान या गवान (व्यंग्य)

अपनी साढ़े तीन साल की नातिन के सामने किसी बात पर मैंने कहा, ‘हे! भगवान्’। कुछ…

छोटे कद की लड़की (बाल कहानी)

अन्नू, छटी कक्षा की विद्यार्थी थी। उसके पापा बैंक अधिकारी थे इसलिए उनकी ट्रांसफर तीन साल…

उपहार तो लेने की चीज़ है (व्यंग्य)

मानवीय व्यवहार में देने की संस्कृति को सराहा जाता है। माना जाता है कि दूसरों को…

आंकड़ों के हलवे का जलवा (व्यंग्य)

आंकड़ों का हलवा फैशन के खूबसूरत जलवे की तरह होता है। अभिभावक अपने बड़े होते लेकिन…

अपने देश की याद (व्यंग्य)

हम जब भी विदेश जाते हैं तो अच्छा लगता है। कुछ दिन मन मर्ज़ी का खाओ,…

सम्मान वही जो मंत्रीजी से पाएं (व्यंग्य)

पिछले दिनों शहर की एक संस्था के पदाधिकारी ने कहा कि उनकी संस्था हमें सम्मानित करना…

नेताजी का हार्दिक स्वप्न (व्यंग्य)

सर्दी का मौसम खत्म होने वाला हो और चुनाव की बहार शुरू तो बहुत से बंदे…

दिल, दिमाग और पेट का कहना (व्यंग्य)

कुछ महीने पहले उन्होंने मनपसंद कार का टॉप मॉडल खरीदा। बारिश के समय अपने आप चलने…