एक ऐसा परंपरा, जब हिरण-चीतल करते हैं ढोल-दमाऊं और मशकबीन की धुन में डांस

हिमांशु जोशी/पिथौरागढ़. एक समय था जब पहाड़ों में लोकपर्व ही मनोरंजन के एकमात्र साधन हुआ करते थे,…