ऐसा लगता है कि विपक्ष ने संसदीय परम्पराओं को तार तार करने और लोकतंत्र का मजाक उड़ाने की प्रतिज्ञा ले ली है। पहले सदन में अमर्यादित आचरण किया गया जिसके चलते दोनों सदनों से उन्हें निलंबित किया गया। निलंबन के कारणों पर आत्म चिंतन करने और अपना व्यवहार सुधारने की बजाय विपक्ष के नेताओं ने संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों का मजाक बनाना शुरू कर दिया है जिससे बड़ा सवाल खड़ा हुआ है कि क्या ऐसे लोग जिन्हें सदन के नियमों, परम्पराओं और आसन के सम्मान की कोई परवाह नहीं है, वह संसद के सदस्य रहने लायक भी हैं या नहीं? हम आपको बता दें कि संसद परिसर में प्रदर्शन के दौरान तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कल्याण बनर्जी राज्यसभा के सभापति और भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल उतार रहे थे और इस दौरान वहां मौजूद अन्य निलंबित सांसद ठहाके लगा रहे थे। यही नहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तो अपनी जेब से मोबाइल निकाल लिया और कल्याण बनर्जी द्वारा की जा रही मिमिक्री का वीडियो बनाने लगे। इस घटनाक्रम को देखकर सभापति ने सदन में सवाल किया कि राजनीति में और कितनी गिरावट आयेगी।
हम आपको बता दें कि हाल ही में सभापति धनखड़ का विपक्ष के नेताओं ने तब भी मजाक बनाया था जब उन्होंने प्रधानमंत्री को हाथ जोड़ कर नमस्कार किया था। मजाक बनाये जाने से नाराज धनखड़ ने सदन में कहा था कि हाथ जोड़कर नमस्कार करना मेरी आदत में शुमार है।
हम आपको यह भी बता दें कि विपक्ष के इस हंगामे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी प्रतिक्रिया आई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को संसद में विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन को लेकर उन पर निशाना साधते हुए कहा है कि उनका यही आचरण रहा तो 2024 के लोकसभा चुनावों में उनकी संख्या और कम हो जाएगी जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फायदा होगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं को बताया कि भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने संसद की सुरक्षा में सेंध को उचित ठहराने के ‘प्रयासों’ पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि यह उतना ही चिंताजनक है जितना की सुरक्षा में सेंध का मुद्दा है।
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में हुई चूक को बेरोजगारी और महंगाई से जोड़ा था। उल्लेखनीय है कि संसद में कार्यवाही के दौरान तेरह दिसंबर की दोपहर दो व्यक्ति पीला धुआं छोड़ने वाले ‘कैन’ के साथ दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष के अंदर कूद गए। शून्यकाल के दौरान सदन में मौजूद सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो कुछ हुआ उसकी लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति को सामूहिक रूप से निंदा करनी चाहिए थी। इस बीच, भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद के अनुसार, मोदी ने कहा, ‘‘लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाली पार्टी खुले तौर पर या गुप्त रूप से इसे कैसे सही ठहरा सकती है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी दल हालिया विधानसभा चुनावों में अपनी हार से हताश और निराश हैं और इसलिए संसद की कार्यवाही बाधित कर रहे हैं। उन्होंने भाजपा सदस्यों से गरिमा बनाए रखने और लोकतांत्रिक आचरण करने का आह्वान किया। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के खिलाफ रणनीति तैयार करने के वास्ते मंगलवार को हो रही विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की बैठक के मद्देनजर मोदी ने कहा कि उनका (विपक्ष का) लक्ष्य उनकी सरकार को उखाड़ फेंकना है, लेकिन उनकी सरकार का लक्ष्य देश का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करना है। उन्होंने भाजपा सांसदों को संसद सत्र के बाद सीमावर्ती गांवों का दौरा करने की भी सलाह दी।
हम आपको यह भी बता दें कि संसद के दोनों सदनों से निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों ने मंगलवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया। संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष निलंबित सांसदों के विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार भी शामिल हुए। कई विपक्षी सांसदों के हाथों में तख्तियां थीं जिन ‘डेमोक्रेसी अंडर सीज’ (लोकतंत्र को बंधक बनाया गया) और कुछ अन्य नारे लिखे हुए थे। उन्होंने ‘गृह मंत्री इस्तीफा दो’ के नारे भी लगाए गए। खरगे ने कहा, ‘‘हम सिर्फ यही चाहते हैं कि सुरक्षा चूक के विषय पर गृह मंत्री सदन में आकर बयान दें। वह क्यों भाग रहे हैं, मुझे मालूम नहीं है। संसद का सत्र जारी है, लेकिन वह सदन के बाहर बयान दे रहे हैं। ऐसा कभी नहीं होता है। जो बातें सदन में बोलनी हैं, वह बाहर बोली जाती हैं तो इससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंचती हैं।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि सांसदों का निलंबन लोकतांत्रिक प्रणाली को खत्म करने का षड्यंत्र है तथा पहले गुजरात में भी इसी तरह से विधानसभा चलाई जाती थी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, ‘‘यहां तानाशाही चल रही है, उसके खिलाफ लड़ेंगे।’’