Sukhdev Singh Gogamedi : सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड से राजस्थान में दहशत, मर्डर की टाइमिंग पर उठे सवाल

Jaipur : पूरे प्रदेश में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के हत्यारों की तलाश हो रही है. पुलिस हर पहलू पर काम करने की कोशिश में जुटी है. हर संभावना को खंगाला जा रहा है. इस बीच आक्रोशित समाज ने राजस्थान में बंद का आह्वान किया और उसका असर में भी कई जगह दिखा. लेकिन अब इस हमले की टाइमिंग को लेकर सवाल यह उठ रहे हैं.

सवाल यह कि जब पुलिस प्रदेश में चुनाव कराने में व्यस्त थी, उस दौरान हमलावरों का पहुंचना क्या पूरी सोची-समझी साजिश थी?. सवाल यह कि क्या हमले से पहले सुखदेव गोगामेड़ी की पूरी रेकी की गई?. इस बीच राहत की खबर यह है, कि प्रदर्शनकारियों और प्रशासन के बीच कुछ मुद्दों पर सहमति बन गई है. यानि सुलह का रास्ता निकलता दिख रहा है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या हमलावर कई दिन से सुखदेव गोगामेड़ी को निशाना बनाने की फिराक में थे?

हत्याकांड से राजस्थान में दहशत 

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड से प्रदेश में दहशत दिखी. वारदात का तरीका, काम में लिये जाने वाले हथियार. साफा लेकर आने का षड़यन्त्र. हत्या के लिए की गई रैकी. और गोगामेड़ी की पहचान वाले नवीन शेखावत को साथ लाना. यह सब पहलू सवाल खड़े करते हैं इस हत्याकांड की योजना पर.योजना इसलिए क्योंकि जिस तरह वारदात को अंजाम दिया गया.उससे ऐसा लगता है कि वारदात को 5 दिसम्बर के दिन अंजाम देने के लिए पिछले कई दिन से काम चल रहा था. दरअसल चुनाव के चलते पुलिस कानून-व्यवस्था के प्रबंधन में थी. कहा जा रहा है कि गोगामेड़ी के कुछ गार्ड भी छुट्टी पर थे. इसके साथ ही एक पक्ष यह भी आया कि चुनाव के दौरान सभी लाइसेन्सी हथियार जमा कराने की अनिवार्यता के चलते हथियार जमा कराये गए. यही मौका हमलावरों को सबसे उपयुक्त लगा.

पीएसओ की गैर मौजूदगी में पहुंचे हमलावर 

सुखदेव के पीएसओ की गैर मौजूदगी में हमलावर पहुंचे. लेकिन उन्हें अपने हथियार पुलिस में जमा नहीं कराने पड़े. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके हथियार ना तो लाइसेन्सी थे. और ना ही ट्रेडिशनल. बल्कि उनके हथियार तो इतने आधुनिक थे कि हमलावरों ने 18 सैकण्ड में 17 फायर कर दिए. इन हमलावरों के सिर पर खून सवार था. यह इस बात से भी साबित होता है. क्योंकि उन्होंने भागने के लिए जिस गाड़ी को लेना चाहा. उस कार चालक पर भी फायर किया. हालांकि हमलावर अपनी कोशिश में कामयाब हो गए. लेकिन अब उन्होंने पुलिस की परीक्षा लेना शुरू कर दिया है. घटना के बाद से ही हमलावरों की तलाश तेज़ी से हो रही है. राजस्थान पुलिस भी अधिकांश बड़ी परीक्षाओं में सफल होने का ट्रेक रिकॉर्ड रखती है. ऐसे में इन्तज़ार इस बात का है कि पुलिस को इस मामले में कामयाबी कब हाथ लगेगी?

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