नई दिल्ली:
Sudarshan Bridge Dwarka: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 25 फरवरी को सुदर्शन सेतु का उद्घाटन कर दिया है. ये एक फोरलन वाला केबल ब्रिज है जो गुजरात के ओखा बेयट को द्वारका द्वीप से जोड़ने का काम करेगा. मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस बनाने के लिए 979 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. वहीं सुदर्शन सेतु की बात करें तो पुल की चौड़ाई 27.20 मीटर है इसके साथ ही ये 2.5 मीटर चौड़ा फुटपाथ बना हुआ है. इसके माध्यम के जरिए पुल की खासियत बताएंगे.
पीएम मोदी ने 25 फरवरी को गुजरात के ओखा बेयट को द्वाराका द्वीप से जोड़ने वाले पुल सुदर्शन सेतु का उद्घाटन किया है. इसे बनाने में कुल 979 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. इस पुल का डिजाइन ऐसा है कि हर किसी का मन मोह लें. वहीं इसमें स्टील का तोरण और केबल पंखे जैसे पैटर्न का उपयोग किया गया है. वहीं यहां कि खूबसूरती ने पूरे देश के लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है. आपको बता दें कि साल 2017 में पीएम मोदी ने इस पुल का शिलान्यास किया था. वहीं ये अब द्वारका में प्रमुख स्थल में से एक बन गया है.
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
आपको बता दें कि यह पुल एक अहम कड़ी के रूप में काम करेगा. ये पुल मेन सिटी ओखा बेयट को द्वारका द्वीप से जोड़ने का काम करेगा. अभी तक इस जगह जाने के केवल नाव ही एक सहारा था. लेकिन पुल शुरू होने के बाद लोग अब सीधा इस जगह पर पहुंच पाएंगे. इससे लोगों को पैसे और समय की बचत होगी. इसके साथ ही इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. वहीं इससे नए रोजगार भी पैदा होंगे. वहीं श्रद्धालु भी इस स्थान का आसानी से दर्शन कर पाएंगे.
चारो तरफ भगवत गीता के श्लोक
इस केबल ब्रिज में 27.2 मीटर की चौड़ाई है जो करीब 89 फीट का है. इसके साथ ही पुल के प्रत्येक दिशा में दो लेन बना हुआ है. वहीं इसमें 2.5 मीटर चौड़ा फुटपाथ बना हुआ है. इसके साथ ही इसमें 1 मेगावाट की क्षमता वाला सौलर पैनल लगा हुआ है जिसे फुटपाथ के उपर लगाया गया है. इसके साथ ही ये 2,320 मीटर (7,612 फीट) की कुल लंबाई में फैला है. यह भारत में सबसे लंबे केबल पुल होने का नाम दर्ज कर लिया है. वहीं इस पुल के चारो तरफ भगवत गीता के श्लोक लिखे हुए हैं. इसके साथ ही उसमें भगवान कृष्ण की कई कलाकृति बनी हुई है.