धीरज कुमार/मधेपुरा. बिहार के मधेपुरा के किसान भी अब पारंपरिक फसलों की खेती के साथ- साथ बड़े पैमाने पर मौसमी सब्जियों की खेती करने लगे हैं. इसका उन्हें अच्छा खासा लाभ भी हो रहा है. जिले के किशुनगंज प्रखंड क्षेत्र के श्रृंगारपुर गांव के रिशु आज से 2 साल पहले तक दिल्ली में एक स्पोर्ट्स शोरूम में काम करते थे. इसमें उन्हें उतनी कमाई नहीं हो पाती थी कि घर-परिवार का गुजर-बसर अच्छे से हो सके. ऐसे में रिशु ने नौकरी छोड़कर गांव में सब्जी की खेती शुरू की. अब इससे वे हर 3 महीने पर 2 लाख तक का मुनाफा कमा लेते हैं. इन दिनों वे गोभी की खेती किए हुए हैं. जिसका फलन शुरू यो चुका है.
रिशु एक साथ दो-दो सब्जी उगाते हैं. जैसे गोभी के साथ साग की खेती, तो करेला के साथ खीरा की खेती करते हैं. जितनी मेहनत है उतनी ही अधिक कमाई भी हो जाती है. वे बताते हैं कि 1 बीघा में 100-120 क्विंटल गोभी आसानी से निकल जाता है. अगात गोभी 20-25 रुपए किलो बिकता है, तो पिछात फसल 10-15 रुपए किलो बिक रहा है. रिशु मंडल ने बताया कि पहले वह दिल्ली में काम करते थे. सारी कमाई खुद पर ही खर्च हो जाती थी. दिल्ली की कमाई से खेती को वह बेहतर मान रहे हैं.
एक बीघा में 20 हजार का खर्च
रिशु ने बताया कि गोभी की एक बीघा की फसल में तकरीबन 20 हजार रुपया का खर्च आता है. इसमें जुताई, बुआई से लेकर खाद और कीटनाशक दवा तक शामिल होता है. सही समय में सब्जी मंडी में पहुंच जाए तो कमाई इसके कई गुना ज्यादा निकलता है. वर्तमान में रिशु की खेत में सकेता गोभी है. इसके बाद करेला और खीरा की खेती करने का प्लान है. वे बताते हैं कि अब कभी भी दिल्ली कमाने नहीं जाऊंगा.अपने घर पर परिवार के साथ रहकर सब्जी की खेती कर करते रहेंगे.
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FIRST PUBLISHED : January 29, 2024, 14:48 IST