Success story: चौका-चूल्हा के साथ महिलाओं ने इस बिजनेस से बदली किस्मत,अब हो रही बंपर कमाई

रामकुमार नायक,रायपुरः छत्तीसगढ़ वैसे तो भारत का वो राज्य माना जाता है जहाँ संस्कृति और कला कूट कूट कर भरी है. इस बीच छत्तीसगढ़ की कुछ महिलाएं अपने घर की कठिन परिस्थितियों को सुधारने के लिए समाज की रूढ़िवादी सोच को चुनौती दे रही हैं और वो अपने पैरों पर खड़ी होकर अपना घर चला रही हैं. इन महिलाओं ने यह साबित कर दिया है कि अगर आपके अंदर कुछ कर दिखाने की लगन हो तो आप लोगों की सोच को हराकर जग जीत सकते हैं. इन महिलाओं ने रोजगार के छोटे-छोटे जरिए ढूंढ निकाले हैं जिसकी मदद से यह घर के कामों को करने के साथ-साथ परिवार की आर्थिक रूप से भी सहायता कर रही हैं.

आज हम आपको ऐसी ही कुछ महिलाओं की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, जो न ही सिर्फ आज अपने पैरों पर खड़ी हैं बल्कि देश की हर महिला के लिए एक मिसाल हैं. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ की महिलाएं हर महीने 90 हजार से अधिक की आमदनी कमा रहीं हैं. प्रदेश की लगभग 200 से अधिक महिलाएं सिर्फ साबुन बेचकर इतना मुनाफा कमा रही हैं. इस सेंटर में बदलते समय के अनुरूप अनेक आर्थिक गतिविधियों को शुरु किया गया है.ग्रामीण महिलाओं के अर्थिक सशक्तिकरण के बेमिसाल उदाहरण के रूप में रायपुर जिले के कल्पतरु मल्टीयूटिलिटी सेंटर सेरीखेड़ी अपनी ख्याति सर्वत्र बिखेर रहा है.

साबुन बनाने के लिए सामान की जरूरत
राजधानी के मैग्नेटो मॉल, छत्तीसगढ़ संजीवनी, सी-मार्ट, स्थानीय बाजारों एवं समय-समय पर लगाए जाने वाले सरस मेला आदि में आसानी से विक्रय हो जाता है. उन्होंने बताया कि साबुन बनाने के लिए आवश्यक सामाग्री अहमदाबाद एवं दिल्ली से मंगवाते हैं. इसे बनाना काफी आसान भी है. साबुन बेस, हर्बल कलर, इसेंस, फ्रेगरेंस और मोल्ड की जरूरत होती है.एक निश्चित अनुपात में मिलाकर ओवन में मेल्ट करने के बाद मोल्ड में ठंडा होने के लिए रख देते हैं. कुछ समय बाद साबुन तैयार हो जाता है. महिलाओं ने बताया कि प्राप्त आय से किसी ने अपने घर बनाने में मदद की, तो किसी ने बच्चे की पढ़ाई में, किसी ने स्कूटी खरीदी है.

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