रामकुमार नायक, रायपुरः राजधानी रायपुर के गोकुल नगर गौठान की महिलाओं ने इस दीपावली पर मिशाल पेश की है, और महिलाएं गोबर के दीए बनाकर उन्हें को रंगीन बनाने में लगी हुईं हैं. इन दीयों की मांग ने दिल्ली, नागपुर, कोलकाता जैसे शहरों के लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर लिया है. इस बार दिवाली के त्योहार में इन गोबर के दीयों से रौंगत भरेंगी, और ये गोबर के दीये छत्तीसगढ़ की कला और शिल्पकला को प्रमोट करेंगे.
एक पहल सेवा समिति द्वारा संचालित हमर गौठान रायपुर के संतोषी नगर इलाके में स्थित है, जिसे गोकुल नगर गौठान के नाम से भी जाना जाता है. इस फेस्टिव सीजन में यहां से जुड़ी महिलाएं अच्छी आमदनी कर रही हैं. गोकुल नगर गौठान की महिलाओं द्वारा बनाए गए दीयों की दिल्ली, नागपुर, कोलकाता और मुंबई में काफी डिमांड हो रही है. इन रंगीन दीयों की दूसरे राज्यों में भी डिमांड बढ़ी है. इस सीजन में महिलाओं ने अब तक एक लाख से अधिक दीये तैयार किए हैं. स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आजीविका मूलक कार्य से जोड़ने के लिए, गोकुल नगर गौठान में शेड उपलब्ध कराई गई है. यहां की महिलाएं गोबर के दीये और विभिन्न कलाकृतियां बना रही हैं.
गोबर के दीयों की डिमांड तेज
गोकुल नगर गौठान से जुड़ी महिला लोमीन पाल ने बताया कि इस दीवाली महिलाएं ने गोबर के दीये बनाए हैं, जिनमें अलग-अलग प्रकार के कई डिजाइन तैयार किए गए हैं. छोटे दीये, बड़े दीये, पांच दीप जलने वाले दीये, मोर, थाली जैसे कई डिजाइन बनाए गए हैं. दीवाली के समय में गोबर के दीयों की भारी मांग है, जिसका पूरा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसकी मांग हो रही है.
इस प्रकार बनाए जाते हैं दीए
इन दीयों को बनाने के लिए ग्वार गम, गोबर पाउडर को मिश्रित कर सांचे की सहायता से तैयार किया जाता है, और इन्हें लगभग 6 दिनों तक सुखाया जाता है. इसके लिए आवश्यक कलरिंग प्रक्रिया के बाद, इन दीयों को बाजार में प्रस्तुत किया जाता है. दीवाली के लगभग 6 महीने पहले से ही गोबर के दीयों की तैयारी शुरू हो जाती है, और इस सीजन में एक लाख से अधिक दीये बिक चुके हैं. इन दीयों की कीमत अलग-अलग है, जिसमें एक दीये की कीमत 2 रुपए, 5 रुपए और 50 रुपए की रेंज है.
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FIRST PUBLISHED : November 9, 2023, 21:19 IST