Stroke: इन ब्लड ग्रुप वालों पर स्ट्रोक का सबसे अधिक खतरा, कहीं आप भी तो उस लिस्ट में नहीं

आप अक्सर सुनते होंगे कि फलां शख्स को स्ट्रोक आया है. वैसे तो स्ट्रोक के पीछे आमतौर पर जीवनशैली को जिम्मेदार बताया जाता है. लेकिन यहां पर हम आपको कुछ अलग जानकारी देने वाले हैं जिनका रिश्ता आपके ब्लड ग्रुप से जुड़ा हुआ है. सामान्य तौर पर चार तरह के ब्लड ग्रुप होते हैं जैसे कि ए, बी, एबी, और ओ. अब आपको बताएंगे कि किस ब्लड ग्रुप के लोगों को 60 साल की उम्र के पहले सबसे अधिक स्ट्रोक का खतरा होता है. एक रिसर्च के मुताबिक ऐसे लोग जिनका ब्लड ग्रुप ए है उन्हें स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है. 

ब्लड ग्रुप की केमिकल बनावट से नाता 

ब्लड ग्रुप की केमिकल संरचना का नाता स्ट्रोक से है. इसमें अलग अलग तरह के केमिकल होते हैं जो आपके आरबीसी यानी लाल रक्त कोशिकाओं पर तैरते हैं. ए ग्रुप के बाद बी और एबी ब्लड ग्रुप वाले स्ट्रोक का शिकार होते हैं हालांकि ओ समूह वालों के लिए खतरा कम होता है. वैसे तो स्ट्रोक और ब्लड ग्रुप के बीच सीधा नाता है. लेकिन जीन में बदलाव भी अहम वजह है.

ए ब्लड ग्रुप पर खतरा अधिक

2022 में जीनोमिक पर काम करने वाले शोधकर्ताओं ने एक रिपोर्ट दी थी. उस रिपोर्ट में ए ब्लड ग्रुप और स्ट्रोक के बीच संबंध बताया गया. करीब 48 जेनेटिक्स स्टडी में 17 हजार से अधिक लोगों को शामिल किया गया. स्टडी में 18 से 59 आयु समूह वालों को शामिल किया गया था. स्टडी में पाया गया कि ऐसे लोग जिनका ब्लड ग्रुप ए है उनमें दूसरे रक्त समूहों की तुलना में स्ट्रोक का खतरा 16 फीसद अधिक था. जिन लोगों का ब्लड ग्रुप ओ था उनमें स्ट्रोक का खतरा 12 फीसद कम था. 

ओ ग्रुप पर खतरा सबसे कम

यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के वैसकुलर न्यूरोलाजिस्ट स्टीवेन किटनर बताते हैं कि ए ग्रुप वाले ही स्ट्रोक के सबसे अधिक शिकार क्यों होते हैं उस संबंध में अभी और पुख्ता अध्ययन करने की जरूरत है. हालांकि ऐसा कहा जा सकता है कि ए ब्लड ग्रुप वालों में रक्त के थक्का बनने की आशंका ज्यादा बनी रहती है. अगर बात अमेरिका की करें तो हर वर्ष करीब आठ लाख लोग स्ट्रोक के शिकार हो जाते हैं. जिनमें ज्यादातर की उम्र 55 से 65 के बीच थी. अध्ययन का एक और महत्वपूर्ण निष्कर्ष उन लोगों की तुलना करने से आया, जिन्हें 60 वर्ष की आयु से पहले स्ट्रोक हुआ था और उन लोगों की तुलना करने से जिन्हें 60 वर्ष की आयु के बाद स्ट्रोक हुआ था. इसके लिए, शोधकर्ताओं ने 60 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 9 हजार लोगों पर अध्ययन किया जो स्ट्रोक का सामना कर चुके थे. 

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