Street Food:3 घंटे में 300 प्लेट पूरी-सब्जी चट कर जाते हैं लोग, 20 रुपए है रेट

जितेन्द्र कुमार झा/लखीसराय. बिहार में स्ट्रीट फूड का चलन लगतार बढ़ते जा रहा है. नाश्ते से लेकर खाना तक में अब स्ट्रीट फूड हावी है. लखीसराय भी इससे अछूता नहीं है. यहां भी आपको दर्जनों वैरायटी के चटपटा व्यंजन वाले स्टॉल मिल जाएंगे. लखीसराय में लोग मिठाई के अलावा नाश्ते में पूरी-सब्जी और जलेबी खाना पसंद करते हैं. यहां ठेले पर पूरी-सब्जी की कई दुकानें मिल जाएंगी, जहां लोग नाश्ता करने के लिए पहुंचते हैं. लखीसराय शहर बड़ी दुर्गा मंदिर के पास भी सुबह में नाश्ता के लिए लोगों की भीड़ जुटती है. यहां पिछले 25 वर्ष से राजेश गुप्ता लोगों को पूरी-सब्जी के साथ जलेबी खिला रहे हैं. नाश्ता स्वादिष्ट रहने की वजह से लोगों की काफी भीड़ जुटती है.

दुकानदार राजेश गुप्ता ने बताया कि शहर के लोगों के बीच सुबह के नाश्ते में पूरी-सब्जी और जलेबी के प्रति अजीब सी दीवानगी है. इसलिए अहले सुबह उठकर तैयारी करनी पड़ती है. पिछले 25 वर्ष से रोजाना सुबह 7 बजे दुकान लगा देते हैं. सबसे पहले आलू और सोयाबीन की सब्ज़ी बनाने का काम होता है. दुकान लगाते ही नाश्ता करने के लिए लोगों का आना शुरू हो जाता है. राजेश गुप्ता ने बताया कि मात्र 20 रुपए में 6 पूरी, आलू-सोयाबीन की स्वादिष्ट सब्जी और 2 पीस जलेबी लोगों को दी जाती है. इसको खाने के बाद लोगों का पेट आराम से भर जाता है.

दुकानदार राजेश गुप्ता ने बताया कि प्रत्येक दिन सुबह 7 बजे से 10 बजे तक नाश्ता की दुकान लगाते हैं. उन्होंने बताया कि जहां ठेला लगाते हैं, वहां आस-पास कई कोचिंग संस्थान हैं. कोंचिंग करने के बाद बच्चे यहां नाश्ता करने के लिए पहुंचते हैं. कभी-कभी नाश्ते की मांग इतनी होती है कि मात्र तीन घंटे में 300 प्लेट नाश्ता लोग चट कर जाते हैं. वहीं रोजाना 30 किलो आटे की खपत है. जबकि 15 से 20 किलो आलू और एक किलो सोयाबीन को मिलाकर सब्जी तैयार की जाती है. इसके अलावा 10 किलो मैदे की खपत जलेबी बनाने में होती है. उन्होंने बताया कि सब्जी बनाने के लिए मिल में पीसा हुआ मसाला ही उपयोग करते हैं, जिससे सब्जी का स्वाद निखर कर आता है. इस बिजनेस से उन्हें सालाना 6 लाख की कमाई हो जाती है.

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FIRST PUBLISHED : September 09, 2023, 15:53 IST

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