दुर्गेश सिंह राजपूत/नर्मदापुरम. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के घने जंगल और खूबसूरत वादियों के बीच पहली बार कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व से लाए गए हाथी कृष्णा, गजा, पूजा, मारिसा सुरक्षा में तैनात किए गए हैं. इसके लिए उन्हें मटकुली के अजनढ़ाना कैंप से चूरना पहुंचाया गया है. अब यहां चारों हाथी जंगल की सीमाओं के साथ वन्य प्राणियों की सुरक्षा करेंगे.
जंगल सुरक्षा की कमान सौंपी
कर्नाटक से आए चारों हाथियों को अजनढाना कैंप में अप्रैल-मई में प्रशिक्षण दिया जा रहा था. इस दौरान उन्हें सतपुड़ा के जंगलों एवं वन्य प्राणियों की मॉनिटरिंग, रेस्क्यू ऑपरेशन और रास्तों पर चलने का प्रशिक्षण दिया गया है. लगभग 5 महीने के प्रशिक्षण में सभी हाथी जंगल को अच्छी तरह समझ गए हैं. इसलिए अब उन्हें जंगल की सुरक्षा की कमान सौंपी गई है.
वन्य प्राणियों की मॉनिटरिंग करेंगे
विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, चूरना के जंगल गश्ती दल में चारों हाथियों को शामिल कर दिया गया है. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रशासन के मुताबिक चारों हाथियों को महावतों के साथ रोजाना लगभग 15 से 20 किलोमीटर तक गश्ती कराएंगे. इस दौरान जंगल की सीमा में अनाधिकृत लोगों के प्रवेश रोकने के साथ वन्य प्राणियों की मॉनिटरिंग करेंगे. सभी हाथियों के गश्त का समय निर्धारित है. अब हाथी जंगल की सीमाओं के साथ वन्य प्राणियों की सुरक्षा करेंगे.
चूरना में बेस कैंप बनाया
विभाग के मुताबिक, चूरना के जंगल गश्ती दल में चारों हाथियों को शामिल कर लिया गया है. कर्नाटक के चारों हाथियों को अजनढाना चूरना में बेस कैंप बनाया गया है. यहां इन हाथियों के रहने के अलावा रोजाना की निर्धारित खुराक दी जा रही है. इसके अलावा कैंप में उनका नियमित स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाता है.
सुरक्षादल के साथ रहेंगे
वहीं, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के डिप्टी डॉरेक्टर संदीप फैलोज ने बताया कि कर्नाटक के चारों हाथियों को नई जिम्मेदारी दे दी गई है. अब कर्नाटक के हाथी जंगल में वन्यप्राणियों की मॉनिटरिंग करेंगे. यहां वे सुरक्षाकर्मियों के साथ रोजाना 15 से 20 किमी की गश्त करेंगे. उनके रहने और भोजन के लिए समुचित व्यवस्था की गई है.
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FIRST PUBLISHED : October 14, 2023, 14:40 IST