प्रह्लाद जोशी ने दावा किया कि उन्होंने (कांग्रेस) जैसी प्रैक्टिस रखी और कानून का प्रावधान है हमने भी वही पालन किया है। आपको बता दें कि संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा और सरकार के कामकाज को देखते हुए यह 22 सितंबर तक चलेगा।
विशेष संसद सत्र को लेकर राजनीति जारी है। कांग्रेस लगातार सरकार पर सवाल खड़े कर रही है। दूसरी ओर सरकार की ओर से इसका जवाब भी दिया जा रहा है। विशेष सत्र बुलाने के सवाल पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कांग्रेस को इतना डर क्यों है? संविधान के अनुच्छेद 85 के तहत राष्ट्रपति जी समन जारी करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम इनको 1-2 दिन पहले एजेंडा जरूर बताएंगे। प्रह्लाद जोशी ने दावा किया कि उन्होंने (कांग्रेस) जैसी प्रैक्टिस रखी और कानून का प्रावधान है हमने भी वही पालन किया है। आपको बता दें कि संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा और सरकार के कामकाज को देखते हुए यह 22 सितंबर तक चलेगा।
कुछ पत्रकारों के बहिष्कार को लेकर भी प्रह्लाद जोशी ने विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन वाले लोग यह प्रेस की स्वतंत्रता को नहीं मानते। अगर आपके पास सही उत्तर है तो आप आएं। आप प्रश्नों से क्यों डरते हैं? इसके साथ ही उन्होने कहा कि ऐसे भी चैनल हैं जहां भाजपा के खिलाफ बोला जाता है लेकिन भाजपा ने कभी उनका बहिष्कार नहीं किया क्योंकि हमारे पास उत्तर हैं। आपातकाल से अब तक वे प्रेस के खिलाफ हैं। मैं इसका खंडन करता हूं। कुछ लोग इसे INDIA गठबंधन कहते हैं, लेकिन यह INDI गठबंधन है…आप गठबंधन को दो बार नहीं कह सकते। यह INDI गठबंधन नहीं है, यह ‘घमंडी’ गठबंधन है।
संसद का एजेंडा
संसद के 18 सितंबर से शुरू होने वाले पांच दिन के विशेष सत्र के दौरान संविधान सभा से लेकर आज तक संसद की 75 वर्षों की यात्रा, उपलब्धियों, अनुभवों, स्मृतियों और सीख पर चर्चा होगी। लोकसभा सचिवालय द्वारा बुधवार को जारी बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। बुलेटिन के अनुसार, इसमें संविधान सभा से लेकर आज तक संसद की 75 वर्षों की यात्रा, उपलब्धियों, अनुभवों, स्मृतियों और सीख पर चर्चा के अलावा चार विधेयकों का भी उल्लेख है। इनमें एडवोकेट संशोधन विधेयक 2023 और प्रेस एवं आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023 राज्यसभा से पारित एवं लोकसभा में लंबित हैं। वहीं, डाकघर विधेयक 2023 के अलावा मुख्य निर्वाचन आयुक्त, अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा शर्त विधेयक 2023 सूचीबद्ध है, जिसे पिछले मानसून सत्र में राज्यसभा में पेश किया गया था।