
सांकेतिक तस्वीर।
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अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एहसानुल्लाह खां की अदालत ने 10 लाख के इनामी हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और 50 हजार के इनामी नक्सली अजीत कोल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों के पास से प्रतिबंधित असलहा बरामद होने के मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई।
दोनों नक्सली पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर दो-दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। दोनों नक्सली वर्ष 2012 में तत्कालीन एसपी सुभाषचंद्र दुबे के नेतृत्व में कनछ-कन्हौरा जंगल में दो घंटे हुई पुलिस व नक्सली मुठभेड़ के दौरान पकड़े गए थे।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, 23/24 मई 2012 को सूचना मिली कि कनछ कन्हौरा के जंगल में कुछ नक्सली अपराधियों की चहल-कदमी देखी गई है। जो किसी गंभीर अपराध को अंजाम देने की फिराक में हैं। उनके साथ अन्य प्रांतों के नक्सली संगठन के सदस्य बैठक कर रहे हैं। सूचना पर असलहों से लैस पुलिस टीम कनछ जंगल की तरफ बढ़े तो कुछ दूरी पर कुछ लोग असलहे के साथ बैठे दिखाई दिए।
एसपी ने नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने को कहा तो नक्सलियों ने पुलिस बल पर अंधाधुंध फायर कर दिया। करीब दो घंटे हुई पुलिस मुठभेड़ के बाद नक्सलियों की ओर से गोलीबारी बंद हो गई। बाद में दो नक्सली को पुलिस ने पकड़ लिया। शेष नक्सली भागने में सफल हो गए।